तो यूपीए सरकार के कहने पर अमेरिका ने नहीं दिया था पीएम मोदी को वीजा!
न्यूयॉर्क। पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से अमेरिका के दौरे पर है और एक बार फिर से वहां पर रहने वाले भारतीयों के बीच अजब सा उत्साह है। पीएम मोदी पिछले वर्ष जब अमेरिका में गए थे तो उस समय भी वहां पर ऐसा ही क्रेज देखने को मिला था। पीएम मोदी का यह अमेरिका का तीसरा आधिकारिक दौरा होता अगर वर्ष 2005 में उन्हें वीजा मिल गया होता तो।
वर्ष 2005 में जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय उन्हें एक कार्यक्रम के लिए अमेरिका जाना था। यहां पर उन्हें मैडिसन स्क्वायॅर में अमेरिका में बसे भारतीयों को संबोधित करना था।
तभी अमेरिका से खबर आई कि पीएम मोदी को अमेरिका ने वीजा देने से साफ इंकार कर दिया है। एक जाने-माने अर्थशास्त्री की मानें तो पीएम मोदी को उस समय कांग्रेस के कहने पर अमेरिका ने वीजा देने से इंकार कर दिया था।
अगर आपको याद हो तो यह वही समय था जब उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने पह ली बार भारत का दौरा किया था।
अर्थशास् त्री जगदीश भागवती ने एक इंटरव्यू में कहा है कि पीएम मोदी को यूपीए सरकार के अनुरोध पर वीजा देने से मना कर दिया गया था। भागवती के मुताबिक इस बात से भारत में भी हर कोई वाकिफ है और खुद पीएम मोदी भी उस समय इस बात को जानते थे कि उनके वीजा में कौन सबसे बड़ी रुकावट बना है।
वर्ष 2005 में अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से एक कानून बनाया गया जिसके तहत उन सभी लोगों के वीजा पर पांबदी लगा दी गई जो किसी भी तरह से धार्मिक भावना को भड़काने या फिर इसके नाम पर हिंसा के दोषी पाए गए थे। भारत में पीएम मोदी ही अकेले ऐसे व्यक्ति बने जिनके वीजा पर अमेरिका की ओर से पांबदी लगाई गई थी।