पीएम नरेंद्र मोदी ने फिर कहा, आतंकवाद को परिभाषित करे यूएन
ब्रसेल्स। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। अपने एक घंटे के संबोधन में पीएम मोदी ने एक बार फिर से यूनाइडेट नेशंस (यूएन) से अपील की कि वह एक बार फिर से आतंकवाद को परिभाषित करे।
यूएन का दुर्भाग्यपूर्ण रवैया
पीएम मोदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यूएन अब तक आतंकवाद को परिभाषित नहीं कर पाया है। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि आतंकवाद को मदद या शरण देने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहने वाले प्रस्ताव पर कानून बनाने में भी यह सक्षम नहीं हो पाया है।
पीएम मोदी ने कहा कि यूएन के पास युद्ध से निपटने का हर साधन और प्रक्रिया है लेकिन यह दुर्भाग्य ही है कि यूएन यह नहीं जानता कि आतंकवाद की परिभाषा क्या है और इससे कैसे निपटना है।
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पीएम ने यह भी कहा कि यूएन इस संदर्भ में अपना कर्तव्य नहीं निभा पाया है। अगर यूएन इस समस्या से नहीं निपटता है तो वह दिन दूर नहीं, जब वैश्विक संस्था अपनी प्रासंगिकता ही खो बैठेगी।
मोदी ने कहा कि वैश्विक नेताओं को आतंकवाद के खात्मे की पहल करनी होगी। ऐसा करने में विफल रहने पर विश्व को और अधिक तबाही देखनी पड़ सकती है।
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धर्म और आतंकवाद को कोई रिश्ता नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद के खतरे ने पूरी मानवता के खिलाफ चुनौती पेश की है। जो लोग मानवता में यकीन रखते हैं, उन्हें मिलकर इससे लड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को सिर्फ बंदूकों से नहीं हराया जा सकता, इसके लिए समाज में एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है, जो यह सुनिश्चित करे कि युवा चरमपंथ का शिकार नहीं बनें। उन्होंने एक बार फिर से आतंकवाद और धर्म के बीच किसी तरह के रिश्ते से इंकार कर दिया।
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9/11 के बाद दुनिया ने समझा दर्द
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया अब आतंकवाद के असर को सिर्फ महसूस कर रहा है जबकि भारत इस खतरे को पिछले 40 साल से भी ज्यादा समय से झेल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया 9/11 से दहल गई थी। तब तक वैश्विक शक्तियों ने यह नहीं समझा था कि भारत किस स्थिति से गुजर रहा है।
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भारत ने कभी भी आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेके और उसके सामने झुकने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने उन प्रवासी भारतीयों के लिए टीडीएस की उच्च दरों में राहत की भी घोषणा की, जिनके पास पैन (पर्मानेंट अकाउंट नंबर) नहीं है।
उन्होंने कहा कि पहले जिन प्रवासी भारतीयों के पास पैन नहीं होता था, उन्हें टीडीएस की उच्च दरों का सामना करना पड़ता था। उन्हें मुक्ति मिलेगी।
इसके साथ ही उन्होंने प्रवासी भारतीयों के लिए 'फ्री बैगेज लिमिट' (सफर में बिना शुल्क के लाए जा सकने वाले सामान के वजन की सीमा) भी बढ़ाने की बात कही।
साथ ही ऐलान किया कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए, प्रवासी भारतीयों को वही लाभ मिलेंगे, जो अन्य निवेशकों को मिलते हैं।