लाहौर के राम गल्ला में रहने वाला शर्मीला शरीफ लड़का कैसे तीन बार बना पाक का पीएम
नई दिल्ली। पनामा पेपर लीक मामले में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को आज सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है जिसके चलते वो अब पीएम बनने के योग्य नहीं रह गए हैं। आपको बता दें कि जस्टिस आसिफ सईद खोसा की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। बेंच ने शरीफ के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
नवाज शरीफ भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार, SC ने कहा पीएम पद से हटना होगा
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इसके साथ ही कोर्ट ने तीन बार पाकिस्तान के पीएम रहे शरीफ को पीएम पद के लिए अयोग्य ठहराने का भी आदेश दिया है। मालूम हो कि शरीफ और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग जैसे आरोप हैं।
पाकिस्तान के तीन बार पीएम
- 25 दिसम्बर 1949 को लाहौर में जन्मे नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीन बार पीएम रह चुके हैं।
- इससे पहले वो 1 नवम्बर 1990 से 18 जुलाई 1993 तक पाकिस्तान के वजीरे आजम थेेे।
- और उसके बाद वो 17 फ़रवरी 1997 से 12 अक्टूबर 1999 दूसरी बार पाक के पीएम बने।
- ये पाकिस्तान के पहले ऐसा नेता हैं जिन्हें तीन बार पीएम की कुर्सी पर बैठना नसीब हुआ था।
शर्मीले स्वभाव
- पाकिस्तान के पंजाब में इन्हें वहां का शेर कहा जाता है लेकिन बचपन में ये काफी शर्मीले स्वभाव के हुआ करते थे।
- 25 दिसंबर, 1949 में लाहौर के एक व्यवसायी परिवार में पैदा हुए नवाज के पिता मुहम्मद शरीफ 1947 में अमृतसर से पाकिस्तान चले गये थे।
- उनकी शिक्षा लाहौर के सेंट एंथनी स्कूल व गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी लाहौर से हुई।
जियाउल हक की मौत के बाद
- अगस्त 1988 में जियाउल हक की मौत के बाद जिया समर्थकों का नेतृत्व शरीफ ने किया। नवंबर 1988 में हुए चुनाव में बेनजीर भुट्टो ने जीत हासिल की, और शरीफ नेता प्रतिपक्ष बने।
- एक नवंबर, 1990 में पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। लेकिन सेना के हस्तक्षेप के बाद शरीफ ने जुलाई 1993 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसी वर्ष हुए चुनाव में बेनजीर दूसरी बार सत्ता में आई शरीफ नेता विपक्ष बने।
- 1997 का आम चुनाव जीतकर दूसरी बार प्रधानमंत्री बने। शरीफ ने 28 व 30 मई 1998 में दो परमाणु विस्फोट कर पाकिस्तान को इस ताकत से लैस देशों की सूची में शामिल किया।
- मिलिट्री शासन में शरीफ पर मुकदमा चला और उन्हें मौत की सजा देने की तैयारी कर ली गई। इसकी भनक मिलते ही सउदी किंग फहद और बिल क्लिंटन ने सेना पर दबाब डाला, और उन्हें दस साल के लिए देश से निर्वासित कर दिया गया। 2007 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वे देश वापस लौटे।
- 2008 के संसदीय चुनाव से पहले बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद पाकिस्तान पीपल्स पार्टी को सहानुभूति लहर का फायदा मिला और वह सत्ता में आयी।
- लेकिन बाद 2013 के चुनाव में नवाज शरीफ सब पर भारी साबित हुए।
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नवाज शरीफ को पीएम पद से हटाए जाने के बाद उनके छोटे भाई और पंजाब के सीएम शहबाज शरीफ के पीएम बनने के कयास लगाए जा रहे हैं।
- हालांकि, शाहबाज पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य नहीं हैं। इसके चलते उन्हें पीएम बनने के लिए चुनाव लड़ना होगा।
दोबारा शीर्ष पद
पंजाब के सीएम शहबाज शरीफ बनेंगे पीएम
डिफेंस मिनिस्टर ख्वाज आसिफ
वैसे पीएमएल-एन की ओर से बताया जा रहा है कि शाहबाज के उप-चुनाव में चुने जाने तक डिफेंस मिनिस्टर ख्वाज आसिफ को 45 दिनों के लिए अंतरिम पीएम की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
क्या है मामला?
पनामा मामले की जांच कर रही 6 मेबर्स वाली जेआईटी ने अपनी फाइनल रिपोर्ट 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1990 में पीएम के तौर पर अपने दूसरे टेन्योर में शरीफ की फैमिली ने लंदन में प्रॉपर्टीज खरीदी थीं। हालांकि, शरीफ ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए जेआईटी की रिपोर्ट खारिज कर दी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को दिए अपने फैसले में जेआईटी से कहा था कि वह लंदन फ्लैट्स की खरीद में की गई पैसों की हेराफेरी की जांच करे।
कैसे फंसे शरीफ?
नवाज शरीफ के बेटों हुसैन और हसन के अलावा बेटी मरियम नवाज ने ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में कम से कम चार कंपनियां शुरू कीं। इन कंपनियों से इन्होंने लंदन में छह बड़ी प्रॉपर्टीज खरीदी।शरीफ फैमिली ने इन प्रॉपर्टीज को गिरवी रखकर डॉएचे बैंक से करीब 70 करोड़ रुपए का लोन लिया। इसके अलावा, दूसरे दो अपार्टमेंट खरीदने में बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ने उनकी मदद की। नवाज और उनके परिवार पर आरोप है कि इस पूरे कारोबार और खरीद-फरोख्त में अघोषित रकम लगी है।