पाकिस्तानी पीएम की कारों की नीलामी, कई गाड़ियों की क़ीमत सुन हंस पड़े खरीदार
पैसे की कमी से जूझ रही पाकिस्तान की सरकार अब पैसा इकट्ठा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास की लग्ज़री कारें और हेलिकॉप्टर्स बेच रही है.
इसके लिए प्रधानमंत्री आवास के लॉन में लग्जरी कारों की बोली लगाई गई. बुलेट प्रूफ जीप और बड़ी लग्जरी कारों ने कई खरीदारों को आकर्षित किया लेकिन सरकार को मनमुताबिक नतीजे नहीं मिले.
पैसे की कमी से जूझ रही पाकिस्तान की सरकार अब पैसा इकट्ठा करने के लिए प्रधानमंत्री आवास की लग्ज़री कारें और हेलिकॉप्टर्स बेच रही है.
इसके लिए प्रधानमंत्री आवास के लॉन में लग्जरी कारों की बोली लगाई गई. बुलेट प्रूफ जीप और बड़ी लग्जरी कारों ने कई खरीदारों को आकर्षित किया लेकिन सरकार को मनमुताबिक नतीजे नहीं मिले.
नीलामकर्ताओं ने बताया कि सरकार को इस नीलामी से एक करोड़ 60 लाख डॉलर आने की उम्मीद की थी लेकिन सिर्फ 60 हजार डॉलर ही आ पाए.
अब कर्ज़ के संकट से निकलने के लिए सरकार आगे और भी कई चीज़ों की नीलामियां करेगी.
इस कोशिश के तहत मंत्रीमंडल के इस्तेमाल के लिए रखे गए चार हेलीकॉप्टर भी नीलाम होने वाले हैं. बोली लगाने वालों ने इनमें काफी दिलचस्पी दिखाई है. ये नीलामियां इस महीने के अंत में होगी.
भैंसों की नीलामी
चर्चा ये भी है कि सरकार प्रधानमंत्री आवास की आठ भैंसों को भी बेचेगी. लेकिन, सरकार की तरफ से अभी इस पर कुछ नहीं कहा गया है.
इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सहयोगी नइमुल हक़ ने भैंसों की नीलामी को लेकर एक ट्वीट करके सबको चौंका दिया था.
उन्होंने लिखा था कि कारों की नीलामी के बाद 8 भैंसों की नीलामी भी की जाएगी जो प्रधानमंत्री आवास पर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की खाना बनाने संबंधी जरूरतों के लिए रखी गई थीं.
https://twitter.com/naeemul_haque/status/1039247864071892997
इमरान ख़ान इसी साल जुलाई में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं. इसके बाद से उन्होंने किफ़ायत बरतने का अभियान चलाया है. हालांकि, अलोचकों का ये भी कहना है कि ये अभियान हकीकत से ज्यादा दिखावा है.
वहीं, पिछले महीने इमरान ख़ान तब निशाने आ गए थे जब वो ट्रैफिक जाम से बचने के लिए हेलिकॉप्टर से अपने दफ़्तर जा रहे थे.
कुछ लोगों का कहना है कि सरकार की कारों की नीलामी नई बात नहीं है, ऐसा हमेशा होता है. बस इमरान ख़ान की सरकार इसका प्रचार कर रही है.
सोमवार को 100 से ज़्यादा कारों की नीलामी की गई जिनमें से आधी लग्जरी कारें थीं. हालांकि, इनमें सिर्फ 62 कारें ही बिक पाई थीं.
कारों पर उड़ा मजाक
नीलाम होने वाली कारों में दो सबसे मर्सडीज मेबैच एस-600एस महंगी कारें थीं जो साल 2016 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ श़रीफ़ के समय खरीदी गई थी.
जब इन कारों के लिए 13 लाख डॉलर (प्रत्येक) की शुरुआती बोली रखी गई तो वहां बोली लगाने के लिए पहुंचे क़रीब 500 लोग हंसने लगे.
इन दोनों कारों के लिए किसी ने बोली नहीं लगाई. इसके अलावा सात बीएमडब्ल्यू और 1993 की 14 मर्सडीज बेंज़ एस-300 भी नहीं बिकीं.
नीलामी के लिए आई एक और महंगी कार थी टोयोटा 2015 बुलेट प्रूफ लैंड क्रूज़र जिसकी क़ीमत क़रीब 2.6 करोड़ पाकिस्तानी रुपये थी.
कुछ कारें लग्ज़री कार नहीं बल्कि सामान्य कारें थीं और 80 के दशक में ली गई थीं.
रावलपिंडी के अफ़जल ने दो कारें खरीदी. उनमें में से एक सबसे कम दाम में ख़रीदी गई है. इनमें से एक सुज़ुकी मेहरान कहलानी वाली 2005 की एक हैचबैक मॉडल है जिसे उन्होंने 2.95 लाख रुपये में खरीदा.
अफ़जल ने बताया कि उन्होंने ये कार अपने बेटे के लिए ख़रीदी है. वो कहते हैं, "इसके लिए ज़्यादा पैसे देने से मुझे गुरेज नहीं. अंत में ये पैसा सरकारी खजाने में ही जाना है और यही हमारे प्रधानमंत्री चाहते हैं."
कराची से आए शख़्स ने चार 2005 आर्म्ड मर्सीडीज़ जीप में से एक ख़रीदी. उन्होंने बताया कि उनके बॉस फार्मास्यूटिकल कंपनी से हैं और वो किसी भी क़ीमत पर लग्जरी गाड़ी चाहते हैं.
डेरा गाज़ी ख़ान के एक खरीदार ने 2009 में बनी एक कार 12 लाख डॉलर में खरीदी है. उनका कहना है कि "सौदा महंगा ज़रूर है लेकिन इससे मुझे नुक़सान नहीं होगा. ये प्रधानमंत्री की इस्तेमाल की हुई कार है और मेरे इसे खरीदने से देश को फायदा होगा."
बोली लगाने के लिए आए लोगों में से कईयों को सरकार के चार हेलीकॉप्टर और आठ भैंसों में भी दिलचस्पी थी जिनकी जल्द ही नीलामी की जा सकती है.
कर्ज़ से निपटने के लिए लग्ज़री कारों को बेचने के अलावा पाकिस्तान की सरकारी स्वामित्व वाली इमारतों को विश्वविद्यालयो में तब्दील करने और सरकारी कार्यालयों में एयर कंडिशनिंग में कटौती करने की भी योजना है.
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