अमेरिका के उकसाने पर बोला उत्तर कोरिया, जल्द ही करेंगे अगला परमाणु परीक्षण
वेनेजुएला। उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री ने कहा है कि अमेरिका हमें उकसा रहा है और हम इसका जवाब देंगे। उत्तर कोरिया की तरफ से 9 सितंबर को किए गए परमाणु परीक्षण के बाद से ही उत्तर कोरिया का दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका के साथ तनाव बढ़ गया है।
उत्तर कोरिया की तरफ से परमाणु परीक्षण किए जाने के बाद अमेरिका ने परमाणु बमों से लैस बी-1 बॉम्बर्स लडाकू विमानों ने दक्षिण कोरिया की सीमा पर उड़ान भरी थी।
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उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री री योंग हो नैम देशों की बैठक के दौरान वेनेजुएला में कहा कि उत्तर कोरिया के लोग अमेरिका के उकसाने के बाद उसे जवाब देने के लिए तैयार हैं। जल्द ही हम दूसरा परमाणु परीक्षण करेंगे। इससे पहले दक्षिण कोरिया भी इस बात की पुष्टि कर चुका है कि उत्तर कोरिया कभी भी दूसरा परमाणु परीक्षण कर सकता है।
उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने उस पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाए थे। इस पर उत्तर कोरिया ने कहा था कि वो जितना ज्यादा हम पर प्रतिबंध लगाएंगे। हम उतने ही ज्यादा मजबूत होकर उभरेंगे और हमारा परमाणु कार्यक्रम उतना ही ज्यादा बेहतरीन होता जाएगा।
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दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक कभी भी उत्तर कोरिया छठवां परमाणु परीक्षण कर सकता है।
तीसरी
सुरंग
में
उत्तर
कोरिया
कर
सकता
है
परीक्षण
दक्षिण
कोरिया
के
रक्षा
मंत्रालय
ने
उत्तर
कोरिया
की
परीक्षण
साइट
की
एरियल
फोटोग्राफ
लेने
के
बाद
रक्षा
विशेषज्ञों
के
यह
निष्कर्ष
निकाला
है
कि
उत्तर
कोरिया
ने
अभी
तक
तीन
परमाणु
परीक्षण
सुरंगों
मे
से
सिर्फ
दो
सुरंगों
का
ही
इस्तेमाल
किया
है।
तीसरी
सुरंग
में
उत्तर
कोरिया
तीसरा
परमाणु
परीक्षण
कर
सकता
है।
क्या
दुनिया
से
युद्ध
करना
चाहता
है
उत्तर
कोरिया?
दक्षिण
कोरिया
की
समाचार
एजेंसी
योन्हाप
ने
अनुसार
उत्तर
कोरिया
ने
परमाणु
परीक्षण
तैयारी
पूरी
कर
ली
है
और
किसी
भी
समय
तीसरी
सुरंग
से
परीक्षण
को
अंजाम
दे
सकता
है।
दक्षिण
कोरिया
ने
दी
उत्तर
कोरिया
को
धमकी
आपको
बताते
चलें
कि
उत्तर
कोरिया
के
परमाणु
परीक्षण
करने
पर
भारत
समेत
अन्य
कई
देशों
ने
उसकी
आलोचना
की
थी।
साथ
ही
दक्षिण
कोरिया
ने
यह
तक
कह
दिया
था
कि
अगर
उन्हें
इस
बात
का
संकेत
मिलता
है
कि
उनके
देश
पर
कोई
हमला
होने
वाला
है
तो
वो
उत्तर
कोरिया
की
राजधानी
प्योंगयांग
को
तबाह
कर
देगा।
उत्तर
कोरिया
के
पांचवें
परमाणु
परीक्षण
के
बाद
संयुक्त
राष्ट्र
सुरक्षा
परिषद
ने
नए
प्रतिबंध
लगाए
हैं।
वहीं उत्तर कोरिया की परमाणु परीक्षण को लेकर अमेरिका और चीन एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण करने में चीन ने सहयोग किया है तो चीन का कहना है कि इसकी मुख्य वजह अमेरिका ही है।
पढ़ें: दक्षिण कोरिया ने चेताया जल्द ही उत्तर कोरिया करेगा छठवां परमाणु परीक्षण
9
सितंबर
को
किया
था
पांचवां
परीक्षण
9
सितंबर
को
उत्तर
कोरिया
ने
अपने
स्थापना
दिवस
पर
5वां
परमाणु
परीक्षण
किया
था
और
इस
वजह
से
आस-पास
के
क्षेत्र
में
5.3
तीव्रता
का
भूकंप
महसूस
किया
गया
था।
अमेरिकी भूगर्भ वैज्ञानिकों ने भी ऐसी ही आशंका जताई थी कि क्योंकि झटके जमीन के उपरी सतह पर महसूस किए गए जबकि प्राकृतिक भूकंप धरती के निचले हिस्से में हुआ होगा।
तो वहीं सियोल की सेना ने भी इस भूकंप के झटके वाली बात कही है और उसे भी लगता है कि ये भूंकप टेस्ट के कारण ही आया था। अगर वाकई में परमाणु परीक्षण की बात सही होती है तो ये उ. कोरिया का 5वां परमाणु परीक्षण होगा, इस साल की जनवरी में भी कोरिया ने परमाणु टेस्ट किया था।
उत्तर
कोरिया
ने
जापान
की
ओर
दागी
थीं
तीन
बैलिस्टिक
मिसाइल
एक
तरफ
दुनिया
के
ताकतवर
देशों
के
नेता
चीन
में
जी20
की
बैठक
कर
रहे
थे
तो
दूसरी
तरफ
दुनिया
भर
की
नाक
में
दम
करने
वाला
उत्तर
कोरिया
अपनी
बैलिस्टिक
मिसाइलों
का
परीक्षण
कर
रहा
था।
दक्षिण कोरिया की सेना के मुताबिक सोमवार को उत्तर कोरिया ने ईस्ट कोस्ट पर तीन बैलिस्टिक मिसाइल दागी थीं।
1000
किलोमीटर
की
मारक
क्षमता
वाली
मिसाइलों
को
दागा
गया
दक्षिण
कोरिया
की
सेना
के
मुताबिक
उत्तर
कोरिया
की
राजधानी
प्योनग्यांग
के
दक्षिणी
क्षेत्र
के
1000
किलोमीटर
की
मारक
क्षमता
वाली
मिसाइलों
को
दागा
गया।
यह
बैलिस्टिक
मिसाइल
जापान
के
एयर
डिफेंस
आइडेंटिफिकेशन
जोन
में
जाकर
गिरी।
उत्तर कोरिया से जापान की ओर छोड़ी गई मिसाइलों पर टिप्प्णी करते हुए जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि यह हमारे लिए चिंता का विषय है। अभी हम इस बात का अध्ययन करन रहे हैं कि क्या यह मिसाइल टेस्ट हमारे देश के लिए खतरे का विषय है।
600-1000
किलोमीटर
की
मारक
क्षमता
वाली
मिसाइलों
का
कर
चुका
परीक्षण
उत्तर
कोरिया
संयुक्त
राष्ट्र
सुरक्षा
परिषद
की
तरफ
से
लगाए
प्रतिबंधों
के
बावजूद
लगातार
मिसाइलों
का
परीक्षण
दक्षिण
कोरिया,
जापान
और
अमेरिका
को
धमकाता
रहा
है।
इस
साल
की
शुरूआत
से
अभी
तक
उत्तर
कोरिया
हाइड्रोजन
बम
परीक्षण
से
लेकर
600
से
1000
किलोमीटर
तक
की
मारक
क्षमता
वाली
मिसाइलों
के
परीक्षण
कर
चुका
है।
उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों को मानने से मना कर दिया था और कहा था कि वह यह मिसाइल परीक्षण खुद की सुरक्षा के लिए कर रहा है।
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जापान सरकार की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि इस मिसाइल परीक्षण के तुरंत बाद ही जी20 देशों की बैठक में मौजूद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पर्क ग्यून हे और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने अलग से एक बैठक की। साथ ही इस स्थिति से निपटने के लिए एक दूसरे को सहयोग करने की बात भी कही है।
उत्तर कोरिया इससे पहले भी ऐसा ही कर चुका है। जी20 देशों की बैठक के दौरान यह मिसाइल लांच करके उसने वर्ष 2014 की यादों को ताजा कर दिया। वर्ष 2014 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, पर्क और शिंजो अबे से हेग में उत्तर कोरिया के हथियारों के कार्यक्रम को लेकर बैठक कर रहे थे।
तब भी उत्तर कोरिया ने दो मध्यम दूरी की मारक क्षमता वाली रोडोंग मिसाइल लांच की थीं। इस मिसाइल को उत्तर कोरिया के हवांगजू क्षेत्र से लांच किया गया था। यह ठीक उस समय हुआ जब हांगझू में जी20 देशों की बैठक के दौरान अलग से दक्षिण कोरिया और चीन के नेता बैठक कर रहे थे।