मंगल ग्रह पर क्यूरियासिटी रोवर की नई यात्रा शुरू
वाशिंगटन। मंगल ग्रह पर सुदूरवर्ती क्षेत्र में तुलनीय भौगोलिक संपर्क में असमर्थ रहे नासा के क्यूरियासिटी मार्स रोवर ने एक भौगोलिक सीमा के परीक्षण के लिए अब एक वैकल्पिक क्षेत्र में संपर्क करने की ओर रुख किया है।
ऐसे भौगोलिक संपर्को से इस बारे में सुराग मिल सकते हैं कि वह कैसी पर्यावरणीय स्थिति थी, जिसमें एक विशेष तरह की चट्टानों का निर्माण हुआ और वह वातावरण अन्य चट्टानों के निर्माण करने वाली स्थितियों से कैसे जुड़ा था।
दो सप्ताह पहले क्यूरियासिटी रोवर एक सुदूर तुलनीय भैगोलिक संपर्क के लिए चला था। रास्ते के फिसलन वाले ढलानों के कारण यह वहां तक पहुंचने में नाकाम हो गया था। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए टीम की रणनीतिक योजना में मार्ग संबंधी कई विकल्प हैं।
कैलिफोर्निया की पासाडेना में स्थित नासा की जेट प्रणोदन प्रयोगशाला में क्यूरियासिटी के मुख्य रोवर चालक क्रिस रॉमेलियोटिस ने बताया, "मंगल ग्रह बहुत भ्रामक हो सकता है।"
नासा के एक बयान में बताया गया है, "रेत की लहर जैसी चीजों (रिपल्स) के कारण रोवर की कई चढ़ाइयां बेकार हो गईं, लेकिन इसके साथ चट्टानी इलाका दिखाई दिया।
नासा के बयान में कहा गया है, "इसलिए हमने इसे रेतीली रिपल्स के आसपास चलाया। हमें उम्मीद थी कि यह मजबूत इलाका होगा, जो क्यूरियासिटी को बेहतर खिंचाव देगा।"
लगभग 72 फुट ऊंचे ढलानों पर चल चुका क्यूरियासिटी रोवर लक्षित इलाके के करीब है, जहां दो विशिष्ट प्रकार की तलशिलाएं मिलती हैं। रोवर विज्ञान टीम एक चट्टानी अंश का परीक्षण करना चाहती है, जो पीली चट्टान इकाई के बीच संपर्क बनाती है। क्यूरियासिटी रोवर 2013 से मंगलग्रह पर छान-बीन कर रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।