चीन ने कहा भारत में बढ़ते हिंदु राष्ट्रवाद की वजह से बढ़ा युद्ध का खतरा
बीजिंग। चीन ने भारत में बढ़ते हिंदु राष्ट्रवाद को युद्ध की संभावना की वजह करार दिया है। चीन की मानें तो भारत में बढ़ते हिंदुत्व की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन नीति संकट में पड़ गई है। इसकी वजह से भारत किसी पल जंग का सामना कर सकता है। चीन की मानें तो भारत, चीन की तुलना में राष्ट्रीय ताकत में कमजोर है और भारतीय राजनेता इस बात को हासिल करने में असफल रहे हैं।
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पीएम मोदी ने भी किया हिंदु राष्ट्रवाद का प्रयोग
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में आए एक आर्टिकल के मुताबिक भारत में तेजी से बढ़ रहा 'हिंदू राष्ट्रवाद' भारत और चीन के बीच युद्ध के खतरे को बढ़ा रहा है। ग्लोबल टाइम्स में 'भारत में बढ़ता हिंदू राष्ट्रवाद' इस टाइटल के साथ एक आर्टिकल पब्लिश हुआ है जिसे यू निंग ने लिखा है। इसमें लिखा है, 'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों के दौरान हिंदू राष्ट्रवाद को ईंधन के रूप में प्रयोग किया। पीएम मोदी ने चुनाव में देश में राष्ट्रवादी भावनाओं को हवा दी है। ऐसे में अगर धार्मिक राष्ट्रवाद हद से ज्यादा बढ़ गया तो मोदी भी कुछ नहीं कर पाएंगे क्योंकि वह 2014 के सत्ता में आने के बाद मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने में असफल रहे हैं।' इस आर्टिकल के मुताबिक खुद पीएम मोदी ने सत्ता में आने के बाद हिंदू राष्ट्रवाद का लाभ उठाया है। इसमें कहा गया है कि यह राष्ट्रवाद ही भारत को चीन के खिलाफ युद्ध की तरफ धकेल रहा है।
चीन से कमजोर है भारत
निंग ने अपने आर्टिकल में यह भी कहा है कि भारत ताकत के मामले में चीन से कमजोर है । इसके बाद भी भारत के रणनीतिकारों और नेताओं ने भारत की चीन नीति को राष्ट्रवाद के हाथों में जाने से नहीं रोका। चीन भले ही भारत से कई बार भारत के सैनिकों को बॉर्डर से वापस बुलाने की अपील कर चुका है जबकि भारत के जोश में कोई कमी नहीं आ रही है। इस आर्टिकल में यह भी लिखा है कि वर्ष 1962 में हुई जंग में मिली हार के बाद कुछ भारतीय, चीन के एक खेल की मानसिकता में घिर गए है और इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है कि इसमें भारत की जीत होगी या हार। आर्टिकल के मुताबिक युद्ध ने भारत को कई दर्द दिए हैं और इसकी वजह से चीन की रणनीति पर भी शक होने लगा है।डोकलाम में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन पिछले एक महीने से अधिक समय से आमने-सामने हैं। इस बीच तिब्बत में चीनी सैनिकों की तैनाती और भारी हथियारों को तैनात किए जाने की खबर आई थी, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है।