आखिरी स्पीच में फर्स्ट लेडी मिशेल ने की धार्मिक आजादी की बात
अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा शुक्रवार को अपनी फेयरवेल स्पीच में हुईं भावुक। युवाओं से कहा डरने की बजाय खुद को शिक्षित करें।
वाशिंगटन। अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा ने शुक्रवार को अपनी आखिरी फेयरवेल स्पीच दी। इस स्पीच में उन्होंने अमेरिका के युवाओं से अपील की लेकिन मिशेल काफी भावुक नजर आईं। यह पहला मौका था जब किसी भाषण के दौरान मिशेल की आंख में आंसू आ गए हों। गौरतलब है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा 20 जनवरी को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे और व्हाइट हाउस से चले जाएंगे।
नए राष्ट्रपति को दिया एक मैसेज
जनवरी 2009 में जब राष्ट्रपति ओबामा ने देश की कमान संभाली थी तो उन्होंने इसके साथ एक इतिहास भी रच दिया था। राष्ट्रपति ओबामा अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति हैं। शुक्रवार को मिशेल ने व्हाइट हाउस में 2017 स्कूल काउंसलर ऑफ द ईयर कार्यक्रम में व्हाइट हाउस में काम करने वाले कर्मचारियों को संबोधित किया। मिशेल ने अपनी इस फेयरवेल स्पीच में अमेरिका की विविधता का जिक्र किया। अपनी स्पीच के जरिए उन्होंने नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी एक कड़ा संदेश दिया। ट्रंप मैक्सिकों पर दीवार बनाने और देश में मुसलमानों की एंट्री को बैन करने की बात कर चुके हैं। मिशेल ने युवाओं से अपील की कि वह अपनी धार्मिक विविधता पर भरोयया करें। साथ ही अमेरिका के भविष्य के लिए लड़ाई करें न कि इससे डरें। चुनावों के बाद अमेरिका में मुसलमानों के खिलाफ एक तरह से नफरत का माहौल बन चुका है और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाना बनाया जा रहा है। एक नजर डालिए अपनी आखिर स्पीच में मिशेल ने क्या-क्या कहा।
अमेरिका में है धार्मिक आजादी
मिशेल ने कहा कि यह देश हर बैकग्राउंड से आने वाले युवाओं का है। यह देश ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास संसाधन नहीं है लेकिन याद रखिए कि कुछ भी संभव है। इसी बात पर भरोसा रखकर वह और राष्ट्रपति ओबामा व्हाइट हाउस तक पहुंचे थे। मिशेल के मुताबिक अगर वह ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म में विश्वास रखते हैं तो आप जान लें कि धार्मिक विविधता भी अमेरिका की परंपरा है। अगर आप मुसलमान हैं, क्रिश्चियन हैं, हिंदू हैं या फिर सिख या ज्यूईश हैं, तो आप जान लें कि ये सभी धर्म हमारे युवाओं को इंसाफ और दया के बारे में सिखाते हें। अमेरिका में अगर विश्वास, रंग और जाति की विविधता है तो यह खतरा नहीं है बल्कि यह हमें वह इंसान बनाती है जो आज हम हैं। मिशेल के मुताबिक अमेरिका के लोगों के लिए यह उनका अंतिम संदेश है और वह चाहती हैं युवाओं को यह बात मालूम होनी चाहिए कि वे अहमियत रखते हैं और वह भी अमेरिका के ही हैं। एक उम्मीद के साथ आगे बढ़ें और कभी डरें नहीं । मिशेल ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि वह आगे भी उनके साथ होंगी और उन्हें समर्थन करती रहेंगी।