जानें क्या है बंग्लादेश में खून की नदी का पूरा सच ?
नई दिल्ली। बंग्लादेश के जिस खून की नदी को देखकर दुनिया हिल गई, उसे लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। खून की नदी की सच्चाई सामने आई है। शहर भर में फैले जिस लाल रंग को देखकर दुनियाभर के लोग हैरान रह गए थे, उसकी असली कहानी अब सामने आई है।
दरअसल राजधानी ढाका में सड़कों पर बह रहे इस खून को फोटोशॉप के जरिए तैयार किया गया था। एक और तस्वीर समाने आई है, जिसे असली तस्वीर बताया जा रहा है। लेकिन लोग असमंजस में है कि किसे सच्चा माने और किसे झूठा। सामने आई तस्वीर में सबकुछ वही है लेकिन तस्वीर में पानी का रंग लाल नहीं बल्कि मटमैला है।
ढाका: बकरीद के दिन हुई बारिश, खून से लाल हो गईं सड़कें
तस्वीर की सच्चाई
इस ऑरिजनल फोटो को फोटोशॉप के जरिए लाल कर इसे खून की नदी बना दिया गया। तस्वीरों को बारीकी से फोटोशॉप की मदद से तैयार कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। लेकिन जब आप ऑरिजनल और फोटोशॉप तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो सच्चाई खुद ब खुद सामने आ जाएगी। जहां खून वाली तस्वीर में ये ग्रिल एकदम सामान्य दिख रही है लेकिन दूसरी तस्वीर में ग्रिल बहुत काली दिखाई दे रही है।
दुनियाभर में दिखाई गई तस्वीर
सोशल मीडिया पर लोग इस खबर को दिखाने के लिए भारतीय मीडिया को निशाना बना रहे है, लेकिन आपको दुनियाभर के मीडिया चैनलों और अखबारों ने इस खबर को दिखाया और छापा था। बंग्लादेश के पत्रकार तसनीम मोहसिन ने भी एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान माना था कि ढाका की सड़कों पर जो खून दिखाई दे रहा था वो कहीं दूर से बहकर नहीं आ रहा बल्कि सड़क किनारे ही कुर्बानी दी गई थी, जिसकी वजह से सड़क पर खून दिखाई दे रहा था। बांग्लादेशी चैनल 'बांग्ला विजन' ने भी अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि ढाका के सिटी कॉरपोरेशन द्वारा किए गए इंतज़ामों में कमी के चलते बारिश का पानी और जानवरों का खून आपस में मिल गया, जिससे सड़कों पर जानवरों का खून बहने लगा। ।