जज के आॅर्डर के बाद बढ़ सकती हैं हिलेरी क्लिंटन की मुश्किलें
वाशिंगटन। अमेरिकी जज ने विदेश मंत्रालय को आदेश दिया है कि हिलेरी क्लिंटन और विदेश मंत्रालय के बीच वर्ष 2012 के दौरान ईमेल के जरिए संवाद को 13 सिंतबर तक रिलीज किया जाए।
एफबीआई ने 14,900 ईमेल की एक डिस्क को सौंपी
आपको बताते चले कि ईमेल के जरिए संवाद तब हुआ था जब बेनगाजी और लीबिया में आक्रमण किया जा रहा था। इन ईमेल का खुलासा एफबीआई ने अपनी जांच में किया था।
आपको बताते चलें कि इस माह की शुरूआत में एफबीआई ने 14,900 ईमेल की एक डिस्क को सौंपी थी। इसके बाद ही कोर्ट ने यह नया आदेश जारी किया है।
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घर के बेसमेंट में एक सर्वर लगाया
एफबीआई की तरफ से सौंपे गए दस्तावेजों में साफ कहा गया है कि हमने वो दस्तावेज जुटाए हैं जो हिलेरी सरकार को नहीं दे रही थीं।
डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को उस समय आलोचना करना पड़ा था। जब उन्होंने खुद माना था कि वर्ष 2009 से 2013 के बीच अमेरिका का विदेश मंत्री रहते हुए एक निजी ईमल सिस्टम चलाने के लिए अपने घर के बेसमेंट में एक सर्वर लगाया था। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी थी और कहा था कि वो गलत थीं।
इसके बाद विरोधियों ने हिलेरी क्लिंटन की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिए थे।
दक्षिणी फ्लोरिडा के डिस्ट्रिक्ट जज विलियम दिमिट्रूलीज ने यह आदेश कंर्जवेटिव वॉचडाग संस्था ज्यूडिशयल वॉच की याचिका पर दिया है।
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गोपनीयता को लेकर पूरी तरह से लापरवाह रही
जब इस बाबत क्लिंटन के प्रवक्ता से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि 8 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले सभी नए जुटाए गए तथ्यों को जारी किया जाए।
हिलेरी क्लिंटन पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने क्लॉसीफाइड सूचना का आदान-प्रदान किया। इस तरह की सूचनाओं को इधर-उधर करने पर सरकार की रोक होती है। इस पर क्लिंटन ने उस समय जवाब देते हुए कहा था कि उन्हें नहीं पता था कि यह जानकारी क्लॉसीफाइड है।
एक साल तक चली लंबी जांच के बाद एफबीआई के निदेशक जेम्स कोमी ने कहा था कि क्लिंटन को ऐसी सूचनाओं के बारे में जानना चाहिए। वो सरकार की गोपनीयता को लेकर पूरी तरह से लापरवाह रही थीं।
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कानूनी मामला चलाने को लेकर पर्याप्त तथ्य नहीं
पर इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी मामला चलाने को लेकर पर्याप्त तथ्य नहीं है। इस निर्णय को रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने बकवास करार देते हुए आलोचना की थी।
अभी यह नहीं पता चल पाया है कि नए जुटाए गए ईमेल में लीबिया के बेनगाजी में अमेरिकी सेंटर पर हुए हमले से संबंधित कुछ तथ्य हैं या नहीं। इस हमले में अमेरिकी राजनायिक क्रिस स्टीवंस सहित चार अमेरिकी मारे गए थे।