मंगलवार को 45वें राष्ट्रपति के लिए वोट डालेगी अमेरिकी जनता
आखिरी आ गई वह घड़ी जिसका दुनिया को पिछले एक वर्ष से था इंतजार। आठ नवंबर को अपने नए राष्ट्रपति के लिए जनता डालेगी वोट और नौ नवंबर को आएंगे नतीजे।
वाशिंगटन। अमेरिकी राजनीति के इतिहास में आखिरकार एक और चुनाव की घड़ी आ ही गई। आठ नवंबर को अमेरिका की जनता अपने नए राष्ट्रपति के लिए वोट डालेगी। इस बार चुनावों में डेमोक्रेट पार्टी की हिलेरी क्लिंटन और रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे का मुकाबला है।
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120 मिलियन चुनेंगे 45वां राष्ट्रपति
नौ नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे आ जाएंगे। इलेक्शन डे यानी मंगलवार को अमेरिका के करीब 120 मिलियन वोटर्स अपने नए राष्ट्रपति के लिए वोट डालेंगे।
अमेरिका के यह नए चुनाव इसके 45वें राष्ट्रपति का चुनाव करेंगे। इस बार रेस काफी कड़ी है और हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर है।
दोनों ही उम्मीदवार उनके लिए अहम क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं और अपने लिए जनता से वोट की अपील कर चुके हैं।
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इलेक्टोरल मैप
अमेरिका में 51 राज्यों और अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी नतीजों के लिए काफी अहम है। जैसे-जैसे नतीजे आते जाएंगे, हर राज्य का एक इलेक्टोरल मैप तैयार होता जाएगा।
इसमें रिपब्लिकन के लिए लाल और डेमोक्रेट्स के लिए नीले रंग का प्रयोग होगा। यह मैप हर चार वर्ष में अमेरिकी राजनीति का भविष्य तैयार करता है।
इस मैप से इस बात का स्पष्ट इशारा करते हैं कि कौन सी पार्टी और कौन सा उम्मीदवार कैसा प्रदर्शन कर रहा है।
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किसे चाहिए कितने वोट्स
व्हाइट हाउस में दाखिल होने के लिए हिलेरी या ट्रंप को 538 इलेक्टोरल वोट्स में से कम से कम 270 वोट्स चाहिए होंगे।
यहां हो सकता है कि ट्रंप को थोड़ा झटका लगे क्योंकि अमेरिकी राज्य जॉर्जिया एक ऐसी सीट है जिस पर हमेशा से रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार जीतता आया है।
इस बार ट्रंप हो सकता है कि यहां से हार जाएं। वहीं वर्जिनिया जहां से वर्ष 2012 में राष्ट्रपति बराक ओबामा चुनाव जीते थे, यहां से क्लिंटन को आसानी से जीत मिल सकती है।
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90 मिनट में तय होगा भविष्य
अगले आधे घंटे में ओहियो और नॉर्थ कैरोलिना के नतीजे आने की संभावना है यहां पर 18 और 15 इलेक्टोरल वोट्स हैं। ओहिया को एक इंडस्ट्रीयल राज्य माना जाता है और यह हमेशा से डेमोक्रेटिक पार्टी का क्षेत्र रहा है।
वहीं नॉर्थ कैरोलिना का झुकाव रिपब्लिकन की ओर से रहता है। लेकिन इस वर्ष दोनों ही जगहों से हिलेरी और ट्रंप के लिए चौंकाने वाली खबर आ सकती है।
इसके बाद अगले 90 मिनट में नतीजों की झड़ी लग जाएगी जब 30 राज्यों के करीब इलेक्टोरल वोट्स के रुझान आने लगेंगे।
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फ्लोरिडा पर सबकी नजरें
इन चुनावों में सबकी नजरें फ्लोरिडा पर टिकी हुई हैं। यह राज्य अमेरिकी राजनीति का मिला-जुला प्रदर्शन हर चुनावों में करता आया है। यहां से 29 इलेक्टोरल वोट्स हासिल होते हैं।
वर्ष 2012 में ओबामा को यहां बहुत जरा से अंतर से जीत हासिल हुई थी। वहीं वर्ष 2000 में कई दिनों तक इस एक राज्य की वजह से नतीजों पर विवाद रहा था। तब जॉर्ज बुश जूनियर ने अल गोर को शिकस्त दी थी।
इसके अलावा न्यू हैंपशायर पर भी नजरें हैं जो हमेशा से डेमोक्रेट्स के लिए ही वोट करता आया है।
पेंसिलवेनिया डेमोक्रेट का गढ़ माना जाता है जहां पर 20 इलेक्टोरल वोट्स हैं। वहीं पश्चिमी राज्यों जैसे एरिजोना और टेक्सास भी इस बार क्लिंटन के पक्ष में जा सकते हैं।