जिंदा है ISIS का मुखिया बगदादी! जानिये मौत की खबर के पीछे का सच
ईरान। आईएसआईएस का खुंखार आतंकी मुखिया अबू बकर अल बगदादी के मारे जाने की खबरें धोखा हो सकती हैं। भारतीय खुफिया विभाग के अधिकारियों ने इस खबर के बारे में वनइंडिया से बातचीत के दौरान बताया कि इस खबर की कोई पुष्टि नहीं है ना ही इसके कोई पुख्ता सबूत हैं।
पिछले हफ्ते इस तरह की खबरें आयी थी कि हवाई हमले में बगदादी बुरी तरह घायल हो गया था। लेकिन भारतीय खुफिया विभाग ने बगदादी की मौत की खबर की पुष्टि नहीं की आईबी का कहना है कि ना तो बगदादी के घायल और ना ही मारे जाने की कोई पुख्ता खबर है।
पेंटागन
को
भी
इस
बारे
में
नहीं
है
जानकारी
पेंटागन जोकि बगदादी की हर गतिविधि पर नजर रखती है उसे भी इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। यही नहीं दुनिया के कई अहम एजेंसियों ने भी इस खबर की पुष्टि नहींकी है। सभी का कहना है कि बगदादी के मारे जाने की कोई भी पुख्ता खबर नहीं है।
बगदादी
बदलता
रहता
है
अपना
ठिकाना
भारत की खुफिया एजेंसी का कहना है कि बगदादी को मारने के लिए एक बड़े अभियान की जरूरत है। आईएस के आतंकी लोगों को गलत खबरों के माध्यम से गुमराह करने की कोशिश करते हैं। एजेंसी का कहना है कि बगदादी बड़ी सुरक्षा के बीच रहता है और उसकी रहने की जगह समय-समय पर बदलती रहती है।
क्या
बगदादी
के
बहरूपिये
हैं?
खुफिया
विभाग
का
कहना
है
कि
ऐसी
भी
रिपोर्ट
सामने
आयी
है
जिसमें
कहा
गया
है
कि
बगदादी
के
बहरूपिये
यानि
उसके
जैसे
दिखने
वाले
हो
सकते
हैं।
आईबी
का
कहना
है
कि
दुनिया
के
अहम
नेताओं
से
मिलते-जुलते
कई
चेहरे
होते
हैं
कई
बार
तो
इनकी
संख्या
10
भी
होती
है।
ये हमशक्ल अक्सर वास्तविक व्यक्ति की डील-डौल से हूबहू मिलते हैं। ज्यादातर इनका इस्तेमाल दुश्मनों का पीछा करने के लिए किया जाता है। ऐसे में इस बात की कोई वजह नहीं है कि बगदादी से हूबहू मिलने वाला ना हो।
माना जा रहा है कि बगदादी का बहरुपिया इराक, सीरिया सहित अन्य देशों में मौजूद हो। यह भी मुमकिन है असली बगदादी युद्ध स्थल से कहीं दूर हो। उसकी सुरक्षा इसलिए भी की जाती है कि वह बड़ी संख्या में लोगों को अपने भाषण के जरिए प्रेरित करता है।
आतंकी
संगठन
अक्सर
गुमराह
करते
हैं
ऐसी
खबरों
से
आतंकी संगठनों का यह बेहद ही सामान्य और अक्सर खेला जाने वाला मनौवैज्ञानिक खेल है। जब भी आतंकियों को यह लगता है कि दुश्मन उनके बेहद करीब है तो वो इस रणनीति का इस्तेमाल करते हैं और अपने नेता की मौत की झूठी खबर प्रसारित करवाते हैं।
ठीक ऐसा ही ओसामा बिन लादेन और इलियास कश्मीरी के मामले में कई बार किया गया था। इस रणनीति के जरिए इन संगठनों को 4-5 अतिरिक्त साल मिल जाते हैं क्योंकि इन खबरों के बाद इनके दुश्मन इनका पीछा छोड़ देते हैं।
सीरिया ने जानबूझकर फैलायी हो खबरें
वहीं अगर बगदादी की मौत की खबर की बात करें तो यह खबर ईरान से आयी थी। ईरान हमेशा से बगदादी की का खात्मा चाहता है। इसकी मुख्य वजह है बगदादी की शिया समुदाय के खिलाफ नफरत। मुमकिन है कि इरान ने इस खबर को जानबूझकर फैलाया हो ताकि आईएसआईएस बिखर जाये।