500-1000 के नोट बंद करना बोल्ड स्टेप, लेकिन इसे लागू करना कठिन: अमेरिका
अमेरिकी एक्सपर्ट के मुताबिक ये कदम एक बोल्ड और साहसिक कदम है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में 500 और 1000 के नोट को अवैध घोषित कर दिया गया है। 8 नवंबर की रात 12 बजे से ही इन नोटों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। इन नोटों को बैंकों में बदला जा सकता है। केंद्र सरकार ने कालाधन रखने वालों और नकली नोटों के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को खोखला करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए ये फैसला किया।
सरकार का फैसला एक बोल्ड स्टेप
मोदी सरकार के इस कदम की अब अमेरिकी भी सराहना कर रहा है। अमेरिकी एक्सपर्ट के मुताबिक ये कदम एक बोल्ड और साहसिक कदम है, लेकिन इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसे कैसे लागू किया जा रहा है।
कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम
रोज बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर पुनीत मनचंदा की माने तो ये कदम भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा ही चौंकाने वाला और बेहतरीन कदम है। अगर इसे सही से लागू किया जा सका तो ये भारतीय अर्थव्यवस्था से भ्रष्टाचार को खत्म कर देगा। जहां ये कदम भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ साहसिक कदम है तो वहीं इसमें कमियां भी है। प्रोफेसर मनचंदा के मुताबिक ये कदम नीचले और मध्यम तबके के भ्रष्टाचार को चोट करता है। बड़े तबके का भ्रष्टाचार इस कदम से नहीं मिट सकेगा।
अर्थव्यवस्था की समस्या पर चोट
वहीं प्रोफेसर विक्रमादित्य खन्ना के मुताबिक ये कदम कितना असरदार साबित होता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की सालों की समस्या का हल करने की कवायत शुरु कर दी है। वहीं रोज बिजनेस स्कूल के एसोसिएट डीन एमएस कृष्णन के मुताबिक मोदी सरकार का ये कदम सराहनीय है। इसे लागू करने में कई चुनौतियां भी है। इस अहम फैसले के रास्ते में कालाधन, भ्रष्टाचार और नकली नोट जैसी कई बाधाएं हैं। कृष्णन के मुताबिक मोदी सरकार का ये फैसला आने वाले समय में भारत को बिजनेस के लिए और अनुकूल बनाएगा।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर की रात 12 बजे से देशभर में 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए। सरकार ने लोगों को 50 दिन का वक्त दिया है इन नोटों को बैंकों, डाकघरों और आरबीआई की 19 शाखाओं में जाकर बदलने के लिए। वहां जाकर आप आसानी से अपने पुराने नोटों को बदल सकते हैं। आज से ही पुराने नोटों का काम शुरू हो चुका है।