मां ने बेटी को 18 महीने तक नहीं दिया खाना, 15 साल की जेल
क्वींस (अमेरिका)। 12 साल की सौतेली बेटी को प्रताड़ित करने के मामले भारतीय मूल की एक महिला को 15 साल के जेल की सजा सुनाई गई है।
भारतीय मूल की महिला को सजा
मामला अमेरिका के क्वींस का है। जहां रहने वाली भारतीय मूल की शीतल रानोत (35) ने अपनी 12 साल की बेटी को न केवल प्रताड़ित किया, उसे करीब डेढ़ साल तक ठीक से खाना भी नहीं दिया।
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क्वींस सुप्रीम कोर्ट के जज रिचर्ड बचर ने शीतल को मामले का दोषी करार देते हुए 15 साल जेल की सजा सुनाई है। शीतल को जुलाई में ही एक ज्यूरी ने फर्स्ट डिग्री की प्रताड़ना और बच्ची की जान को खतरे में डालने का दोषी करार दिया था।
शीतल के खिलाफ जो तथ्य सामने आए हैं उन पर गौर करें तो वह अपनी बेटी माया को ठीक से खाना नहीं देती थी। उसकी अकसर पिटाई किया करती थी।
बेटी
को
करती
थी
प्रताड़ित,
रखती
थी
भूखा
इतना ही नहीं एक बार शीतल ने माया को इसकदर पीटा कि उसकी कलाई पर घाव हो गया और हड्डियां तक नजर आने लगी। उसकी हालत इतनी खराब हो गई उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जहां कई दिनों तक उसका इलाज चला।
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क्वींस के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रिचर्ड ब्राउन के मुताबिक शीतल रानोत बेहद बुरी सौतेली मां का अहम उदाहरण हैं।
शीतल ने न केवल माया को प्रताड़ित किया बल्कि उसको जरूरी सुविधाएं और पालन-पोषण में भी खास ध्यान देन से इंकार कर दिया।
पीड़ित
बच्ची
के
पिता
पर
भी
चलेगा
केस
शीतल ने 12 साल की माया के साथ जो सलूक किया उसके निशान आज भी उसके शरीर पर नजर आते हैं। पीड़ित बच्ची की उम्र 12 साल है लेकिन उसका वजन महज 26 किग्रा. है।
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इस बीच 12 वर्षीय माया के पिता राजेश रानोत पर भी उंगली उठी है।
उन पर भी बच्ची को प्रताड़ित करने, कैद में रखने और बच्ची की जिंदगी खतरे में डालने का आरोप लगा है। उन पर भी केस चलाने की तैयारी की जा रही है।