भारत तैयार कर रहा बीजिंग, शंघाई के साथ पूरे चीन को निशाना बनाने वाली मिसाइल
वॉशिंगटन। सिक्किम में चीन और भारत के बीच तनाव जारी है। चीन की ओर से भारत को 62 की जंग याद करने के लिए कहा गया तो भारत ने चीन को जवाब दिया कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। चीन ने भारत को कश्मीर में दाखिल होने की धमकी दी। पिछले एक माह में यह साफ हो चुका है कि चीन के साथ स्थितियां दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। इस बीच अमेरिका की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि भारत, चीन को ध्यान में रखते हुए एक ऐसी मिसाइल बना रहा है जो पूरे चीन को निशाना बना सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है भारत की यह मिसाइल दक्षिण के सभी बेस से पूरे चीन को निशाना बना सकती है।
भारत के पास है क्षमता
इस रिपोर्ट को अमेरिका के दो विशेषज्ञों हैंस एक किस्टेनसन और रॉबर्ट एस नोरिस ने तैयार किया है। इसमें कहा गया है कि भारत के पास 150 से 200 परमाणु हथियारों के लिए जरूरी प्लूटोनियम है लेकिन वह सिर्फ 120 से 130 ही हथियार तैयार करेगा। इस आर्टिकल को 'इंडियन न्यूक्लियर फोर्सेज 2017' के तहत जारी किया गया है।
अब चीन के लिए रणनीति
अमेरिका की यह रिपोर्ट आफ्टर मिडनाइट के जुलाई और अगस्त में जारी अंक में प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन पर नजर रखते हुए भारत अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का आधुनिकीकरण कर रहा है। इसके अलावा इस देश की रणनीति जो पारंपरिक तौर पर पाकिस्तान पर केन्द्रित रहती है अब लगता है चीन की तरफ केन्द्रित होती नजर आ रही है। जिसका मतलब साफ है कि भारत परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण चीन के साथ भावी संबंधों की रणनीति को देखकर कर रहा है।
अगले एक दशक में तैनाती
नोरिस और क्रिस्टेनसन का कहना है कि इसका नतीजा यह होगा कि अगले एक दशक में नई क्षमताओं की तैनाती होने लगेगी और यह भारत के परमाणु हथियारों पर नजरिए के साथ पाकिस्तान के खिलाफ उसके रोल को भी प्रभावित कर सकता है।
कई सिस्टम भारत ने किए डेवलप
रिपोर्ट में इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कि भारत लगातार अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को आधुनिक बनाता जा रहा है और उसने कई नए परमाणु हथियार सिस्टम विकसित कर लिए हैं, विशेषज्ञों ने कहा कि भारत के पास इस समय सात परमाणु-सक्षम सिस्टम मौजूद हैं, जिनमें दो विमान, चार जमीन पर मौजूद बैलिस्टिक मिसाइलें और एक समंदर में स्थित बैलिस्टिक मिसाइल शामिल है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम चार सिस्टम और डेवलप किए जा रहे हैं और यह कार्यक्रम भी डायमनिक स्टेज तक पहुंच चुका है।
अग्नि मिसाइलों का जिक्र
रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि भारत ने अनुमान के मुताबिक करीब 600 किलोग्राम वेपन-ग्रेड प्लूटोनियम तैयार कर लिया है, जो 150-200 परमाणु हथियार बनाने के लिए जरूरी है, लेकिन सारे प्लूटोनियम को हथियारों में तब्दील नहीं किया गया है। रिपोर्ट में अग्नि-2 और अग्नि-1 जैसी मिसाइलों को जिक्र किया गया है जो कि 2,000 किलोग्राम के पारंपरिक हथियार ले जा सकती हैं और चीन के पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी हिस्से को निशाना बना सकती हैं।
चीन का हर हिस्सा बनेगा निशाना
रिपोर्ट में कहा गया है कि हलांकि अग्नि-4 नॉर्थईस्ट इंडिया से चीन के हर हिस्से को निशाना बना सकती है जिसमें बीजिंग और शंघाई भी शमिल हैं। भारत अब अग्नि-5 विकसित कर रहा है जो तीन स्टेज की सॉलिड फ्यूल वाली मिसाइल है और करीब इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर तक की दूरी पर निशाना लगा सकती है। इसकी एक्स्ट्रा रेंज से सेना को मध्य और दक्षिण भारत में अग्नि-5 का बेस तैयार करने में मदद मिलेगी जो चीन से काफी दूर होगा।