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104 सैटेलाइट लॉन्‍च के रिकॉर्ड के बाद चीन ने कहा भारत ने किया बेहतर काम

15 फरवरी को इसरो के रिकॉर्ड की तारीफ अब चीन के अधिकारियों ने की। कहा भारत के सैटेलाइट्स लॉन्‍च के बाद अंतरिक्ष की रेस में और तेजी आई। चीनी अधिकारी का मानना चीन से बेहतर काम किया भारत ने।

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बीजिंग। चीनी अधिकारियों ने इसरो और भारत की तारीफों के पुल बांधे हैं। चीनी मीडिया ने कहा सैटेलाइट लॉन्‍च टेक्‍नोलॉजी को बढ़ावा देकर भारत ने चीन से बेहतर काम किया है और भारत के इस कारनामे के बाद चीन दुनिया के छोटे सैटेलाइट लॉन्‍च बाजार से होड़ के साथ अपने रॉकेट लॉन्‍च का व्‍यवसायीकरण करने में तेजी दिखाएगा।

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चीन से पहले भारत, मंगल पर

चीनी अधिकारियों की ओर से सोमवार को यह टिप्‍पणी आई है। चीन के सरकार अखबार ग्‍लोबज टाइम्‍स ने अधिकारियों के हवाले से लिखा है, 'इस लॉन्‍च से यह इशारा मिलता है कि भारत कम कीमतों पर भी अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स भेज सकता है। इसके साथ ही कमर्शियल स्‍पेस बिजनेस में भारत अब दुनिया के साथ रेस में शामिल हो गया है। यह बात झांग योंनघे ने कहा है जो कि शंघाई इंजीनयिरंग सेंटर फॉर माइक्रोसैटेलाइट्स के डायरेक्‍टर हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि भारत की सफलता के बाद चीन अब व्‍यवसायीकरण में तेजी ला सकता है। झांग का मानना है कि भारत ने अपनी लॉन्‍च सर्विसेज को आगे बढ़ाकर वाकई अच्‍छा काम किया है। उन्‍होंने इस बात की ओर ध्‍यान दिलाया कि पहले तो भारत, चीन से पहले मंगल पर पहुंचा और रेस में आगे हो गया और अब एक सिंगल रॉकेट के जरिए 104 सैटेलाइट्स लॉन्‍च करके भारत ने एक और कारनामा कर दिखाया है। झांग ने कहा कि 15 फरवरी का लॉन्‍च भारत के स्‍पेस प्रोग्राम में नई जीत है। वर्ष 2014 में भारत दुनिया का चौथा देश बना था जिसने मंगल की ओर सफलतापूर्वक कदम बढ़ाया था। इस सफलता के साथ ही भारत ने चीन के साथ अपनी बराबरी साबित कर दी थी जो वर्ष 2012 में अपने मंगल मिशन में फेल हो गया था।

लेकिन लॉन्‍च के बाद कसा तंज

15 फरवरी को जो 104 सैटेलाइट्स लॉन्‍च हुए हैं उनमें से इजरायल, कजाखिस्‍तान, स्विट्जरलैंड और अमेरिका के सैटेलाइट्स शामिल हैं। हालांकि इस लॉन्‍च के बाद ग्‍लोबल टाइम्‍स ने लिखा था कि यह शायद पहली बार है जब भारत ने स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी में कोई बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। भारतीयों के पास गौरव महसूस करने का एक मौका है। इसके बाद ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि चीन को पीछे करने के लिए भारत लाखों गरीबों और अशिक्षित लोगों के बावजूद मंगल पर मंगलयान की तैयारी कर रहा है। स्‍पेस टेक्‍नोलॉजी की सफलता एक बार में कितने सैटेलाइट भेजे गए हैं इस पर निर्भर नहीं हैं। यह कहना सही होगा कि भारत की उपलब्धि की अहमियत काफी सीमित है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि भारत अभी अमेरिका और चीन से इस क्षेत्र में काफी पीछे है। इनकी बराबरी करने के लिए भारत को लंबा वक्‍त तय करना है। चीन के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने पिछले वर्ष 30 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। लेकिन अभी तक भारत के पास स्पेस स्टेशन के लिए कोई भी योजना नहीं है।

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English summary
Chinese media praised ISRO and said India launched satellites and done a better job than China.
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