ट्रंप भारत के लिए होंगे 'प्रॉफिट' और पाक के लिए 'लॉस'!
वाशिंगटन। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अमेरिका के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीनेटर टिम काइन का मानना है कि अगर रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचे तो फिर अमेरिका का भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिर रिश्ते देख पाना सिर्फ एक सपना रह जाएगा। काइन का यह बयान न्यूजवीक के उस आर्टिकल के बाद आया जिसमें मैगजीन में ट्रंप भारत में हुई डील के बारे में एक विश्लेषण पेश किया था।
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क्या कहना है काइन का
काइन ने कहा है कि ट्रंप की पाकिस्तान में कई डील जारी हैं और इन डील से ट्रंप को काफी पैसा मिलता है। लेकिन वहीं जब पाकिस्तान और भारत के बीच स्थिरता को आगे बढ़ाने की बात आएगी तो ट्रंप का नजरिया प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के चीन में भी कई प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। इन बयानों के साथ ही उन्होंने ट्रंप की नीतियों पर उन्हें फटकार लगाई।
क्या लिखा है न्यूजवीक ने
अमेरिकी मैगजीन न्यूजवीक ने लिखा है कि अगर ट्रंप चुनाव जीत जाते हैं तो भारत समेत दुनिया के कई देशों के रियल एस्टेट क्षेत्र में उनका निवेश अमेरिकी विदेश नीति को प्रभावित कर सकता है।
न्यूजवीक के मुताबिक जुलाई महीने में जब रिपब्लिकन पार्टी का नेशनल कन्वेंशन चल रहा था तो उस समय 'ट्रंप ऑर्गनाइजेशन' ने एलान किया था कि वह भारत में बड़े पैमाने पर निवेश की योजना बना रहा है।
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क्या पाक पर सख्त होंगे ट्रंप
मैगजीन के मुताबिक अगर ट्रंप भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करते हैं तो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की स्थिति में हितों का टकराव हो सकता है।
मैगजीन में ट्रंप के रवैये पर सवालिया निशान लगाते हुए लिखा गया है कि अगर ट्रंप भारत के साथ सख्ती से पेश आते हैं तो क्या सरकार यह समझेगी कि उसे प्रोजेक्ट को हरी झंडी देनी है और पुणे में ट्रंप के साझेदारों से संबंधित जांच को खत्म करना है?
अगर ट्रंप पाकिस्तान को लेकर कड़ा रूख अख्तियार करते हैं तो क्या यह अमेरिका के रणनीतिक हितों के लिए होगा या फिर भारत सरकार के उन अधिकारियों को खुश करने के लिए होगा जो ट्रंप टॉवर पुणे से होने वाले उनके लाभ को नुकसान पहुंचा सकते हैं?
ट्रंप के कई नेताओं से संबंध
न्यूजवीक की मानें तो पुणे और गुड़गांव में रियल एस्टेट में ट्रंप के निवेश के बाद भाजपा और कांग्रेस सहित कई पार्टियों के राजनीतिज्ञों ने ट्रंप के परिवार के साथ करीबी संबंध बना लिए हैं।
न्यूजवीक के मुताबिक ट्रंप ने वर्ष 2011 में रोहन लाइफस्केप्स नामक एक भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर के साथ समझौते को साइन किया था। यह भारतीय कंपनी 65 मंजिला इमारत बनाना चाहती थी। बाद में इसी कंपनी के निदेशक कल्पेश मेहता भारत में ट्रंप के व्यवसायों के प्रतिनिधि बन गए।