पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे से बढ़ी पाकिस्तान में चिंताएं, तो क्या दिया अमेरिका ने जवाब
वॉशिंगटन। व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते फायदे और नुकसान के खेल से नहीं जुड़े हैं। व्हाइट हाउस का कहना है कि ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकताएं दोनों ही देशों के लिए अलग-अलग हैं। व्हाइट हाउस का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका पहुंचने से कुछ समय पहले आया है।
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भारत के साथ है रणनीतिक साझेदारी
व्हाइट हाउस के एक ऑफिसर की ओर से कहा गया है कि अमेरिका हर देश के साथ एक प्रभावी साझीदारी चाहता है। हम भारत के साथ एक रणनीतिक साझीदारी कर रहे हैं। अमेरिका भारत के रोल और बढ़ते प्रभाव को देख रहा है और वह इसे और प्रोत्साहित करना चाहता है। ऑफिसर की ओर से कहा गया है कि अमेरिका, भारत के साथ आपसी हितों में सहयोग की ओर देख रहा है। वहीं पाकिस्तान के साथ अमेरिका को एक उपयोगी साझीदारी चाहिए। लेकिन दोनों देशों के साथ रिश्तों की प्रकृति काफी अलग है। ऐसे में दोनों ही देशों के साथ अमेरिका को आगे बढ़ना होगा। व्हाइट हाउस के अधिकारी की ओर से कहा गया है कि अमेरिका को इस बात का अहसास है कि हर केस में रिश्ता अलग है। अधिकारी की ओर से यह बात उस सवाल के जवाब के तौर पर कही गई है जो भारत के साथ बढ़ती करीबियों के बाद पाकिस्तान में बढ़ती चिंताओं से जुड़ा था।
योग्यताओं के आधार पर रिश्ते
इस अधिकारी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते उनकी अपनी योग्यताओं के आधार हैं। अमेरिका इन रिश्तों को फायदे नुकसान से जोड़कर नहीं देखता है। भारत के साथ रणनीतिक रिश्तों को अमेरिका और गहरा करने का इच्छुक है। साथ ही पाकिस्तान के साथ भी सहयोग जारी रखना चाहता है। वहीं इस ऑफिसर के मुताबिक अमेरिका दोनों देशों के बीच रिश्तों को सामान्य होता देखना चाहता है। अमेरिक का मानना है कि बेहतर रिश्ते दोनों देशों के हितों में हैं। इस अधिकारी के मुताबिक भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियारों से लैस ताकतें हैं और ऐसे में अगर रिश्ते बेहतर होते हैं तो यह इस क्षेत्र के लिए और पूरे विश्व के लिए भी अच्छा होगा। अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक अमेरिका की पाकिस्तान के साथ भी रक्षा साझेदारी है। अमेरिका, पाकिस्तान को कुछ सुरक्षा, रक्षा और काउंटर टेररिज्म के मुद्दों पर सहयोग देता है। इस अधिकारी की मानें तो अगर अमेरिका, भारत को कुछ हाइ-टेक डिफेंस आइटम बेचता है तो उससे पाकिस्तान पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस अधिकारी ने एक बार फिर भारत के अफगानिस्तान में किए जा रहे कार्यों को सराहा है।