और वो कैसे जाल में फंसती चली गई
एक मामूली-सी भूल उस लड़की के लिए परेशानी का सबब बन गई.
छह हफ़्ते पहले ज़ेड को उसके एक दूर के दोस्त का फ़ेसबुक पर संदेश मिला.
वो चाहती थी कि ज़ेड एक ऑनलाइन मॉडल कॉम्पटीशन में उन्हें वोट करें.
लेकिन फ़ेसबुक रिक्वेस्ट स्वीकार करते ही ज़ेड के साथ दुर्घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया.
उस दोस्त ने बताया कि ज़ेड का ईमेल डालते ही कॉम्पटीशन वोटिंग सिस्टम में तकनीकी दिक्कत शुरू हो गई है, इसलिए उसे अपना पासवर्ड देना पड़ेगा ताकि समस्या हल की जा सके.
ज़ेड को कुछ शंका थी. लेकिन जब उस दोस्त ने अपने करियर की दुहाई दी तो उसने अपना पासवर्ड और लॉगिन डिटेल दे दिया.
समस्या ये थी कि जिसने ज़ेड से बात की वो वास्तव में उसकी दोस्त नहीं थी बल्कि उसकी दोस्त का अकाउंट हैक कर बात करने वाला कोई और था.
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असल में डिज़िटल धोखाधड़ी करने में इस्तेमाल किए जाने वाले इस तरीके को 'स्पीयर फ़िशिंग' कहते हैं.
ज़ेड ने जिस पल अपने अकाउंट की निजी सूचनाएं दीं उसके कुछ मिनट बाद ही उनका अकाउंट ब्लॉक हो गया. एपल आईक्लाउड समेत इससे जुड़े बाकी अकाउंट भी ब्लॉक हो गए.
एपल आईक्लाउड में उनके निजी दस्तावेज़ों की डिजिटल प्रतियां भी थीं जिसमें पासपोर्ट, निजी तस्वीरें, बैंक अकाउंट भी शामिल थे.
हैकर उनके सभी पहचान दस्तावेजों को हथिया चुका था जो उस अकाउंट से जुड़े थे.
यही नहीं हैकर ने सारे अकाउंट के पासवर्ड बदल दिए और दो स्तरीय सुरक्षा कोड भी चालू कर दिया.
आख़िरकार ज़ेड को पाकिस्तान से एक फ़ोन आया.
वो कोई नौजवान लगता था, शायद कोई कॉलेज स्टूडेंट रहा हो.
नैतिक पहरेदारी
उस व्यक्ति ने ज़ेड पर अनैतिक जीवन जीने के आरोप लगाए.
वो ज़ेड की तस्वीरें देख चुका था और जानता था कि वो धूम्रपान करती है और लड़कों के साथ डेट करती है.
उसने ज़ेड से कहा कि उसके मां-बाप क्या सोचते होंगे, लेकिन जब ज़ेड ने बताया कि उन्हें पहले ही पता है तो वो गुस्से में आ गया.
ज़ेड बताती हैं, "उसने कहा कि वो हज़ारों महिलाओं के अकाउंट हैक कर चुका है."
उसने निजी तस्वीरों को ज़ेड के फ़ेसबुक पेज पर पोस्ट करने की धमकी दी जिससे ज़ेड के 1,000 दोस्त जुड़े थे.
वो बताती हैं, "मैंने उसे पैसे देने की पेशकश की, लेकिन वो और गु्स्सा हो गया."
वो कम्प्यूटर कैमरे के मार्फ़त निज़ी जीवन में प्रवेश करना चाहता था, लेकिन ज़ेड ने इनकार कर दिया.
इसके बाद उसने फ़ेसबुक पर ज़ेड की एक बेहद निजी तस्वीर पोस्ट कर दी.
हालांकि ज़ेड ने इसकी शिकायत कर रखी थी और 15 मिनट के अंदर फ़ेसबुक ने उसे हटा लिया.
ज़ेड कहती हैं, "ऐसा लगता है कि हैकर की मंशा मॉरल पुलिसिंग की थी और वो महिलाओं के साथ मनमर्ज़ी करना चाहता था."
ऐसा लगता है कि उसका उद्देश्य महिलाओं की निजी तस्वीरों की गैलरी बनाना था.
ऐसा नहीं कि डिज़िटल सिक्युरिटी को लेकर ज़ेड बेपरवाह रहने वाले लोगों में से थी. वो 20 साल की भारतीय मूल की महिला थीं जो अमरीका के ईस्ट कोस्ट में एक मीडिया संस्थान में काम करती हैं.
वो स्वीकार करती हैं, "मैं टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप में काम करती हूं, लेकिन अभी तक समझ में नहीं आया कि लोग क्या-क्या कर सकते हैं."
असल में अपने अकाउंट को फ़िर से हासिल करना बहुत जटिल है. ज़ेट को एपल क्लाउड को फिर से हासिल करने में एक महीना लग गया.
इस लड़की ने रेडिट वेबसाइट पर अपनी कहानी को साझा करने का फ़ैसला किया ताकि अन्य लोग उसी हैकर के झांसे में न आएं.
क्या है 'स्पीयर फ़िशिंग'
ब्रिटेन की सिक्युरिटी फ़र्म काम्पैरिटेक से जुड़े पॉल बिशॉफ़ का कहना है, "अपने शिकार का भरोसा पाने और संवेदनशील सूचनाएं हासिल करने के लिए डिज़िटल ठग मनोवैज्ञानिक तरीके अख़्तियार करते हैं."
विशेषज्ञों का कहना है कि 'स्पीयर फ़िशिंग बहुत आम नहीं है, लेकिन बहुत ख़तरनाक़ है.'
ये ठग अपने शिकार की निजी सूचनाएं हासिल कर, उन्हीं की आईडी का इस्तेमाल करते हैं.
कैसे बचें
डिजिटल अकाउंट की सूचनाएं जैसे कोड या पासवर्ड कभी न साझा करें.
पासवर्ड के अलावा 2-स्टेप वैरिफ़िकेशन को एक्टिव रखें.
अपने सोशल नेटवर्क अकाउंट के सभी सुरक्षा विकल्प इस्तेमाल करें.