राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुसलमानों पर आए आदेश से सिलिकॉन वैली में मची हलचल
एप्पल से लेकर फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट से लेकर गूगल तक कर रहे हैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए आदेश की आलोचना। एप्पल ने मांगी व्हाइट हाउस से इस आदेश के नकरात्मक आदेश के बारे में जानकारी।
कैलिफोर्निया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शरणार्थियों को बैन करने वाले एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को लेकर अमेरिका में हलचल मची हुई है। इस आदेश का असर अब सिलिकॉन वैली पर भी नजर आने लगा है। बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियां गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और फेसबुक ने इस आदेश के विरोध में आवाज उठानी शुरू कर दी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने सीरिया, सोमालिया, सूडान, लीबिया, ईरान, इराक और यमन ने आने वाले शरणाथियों के लिए अमेरिका में नो एंट्री घोषित कर दी है।
शुरू हुई डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना
ट्रंप के इस आदेश ने अमेरिका की नींद उड़ाकर रख दी है। एप्पल समेत कई टेक कंपनियों ने राष्ट्रपति के इस आदेश की आलोचना की है। एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स खुद एक सीरियन अप्रवासी नागरिक की संतान थे। जॉब्स हमेशा से इस तरह की नीतियों का विरोध करते आए थे। उन्होंने तो पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अप्रवासी नीतियों को बदलने तक की सलाह दे डाली थी। इस आदेश के विरोध में सबसे पहले फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग सामने आए। उनके बाद गूगल फिर माइक्रोसॉफ्ट और अब एप्पल ने भी आवाज उठानी शुरू कर दी है।
क्या कहा एप्पल ने
एप्पल के सीईओ टिम कुक ने इस आदेश पर अपने कर्मियों को लिखा है, 'मैं आपकी चिंताओं से वाकिफ हूं । इस नीति का समर्थन हम नहीं करते हैं।' टिम कुक ने बताया है कि उन्होंने व्हाइट हाउस से संपर्क किया है और उनसे एप्पल पर और कर्मियों पर पड़ने वाले नकरात्मक असर के बार में जानकारी मांगी है। कुक ने यह नहीं बताया है कि इस आदेश से उनके कितने कर्मियों पर असर पड़ा है लेकिन यह जरूर कहा है कि कंपनी के एचआर, लीगल और सिक्योरिटी टीम सपोर्ट टीम के साथ संपर्क में हैं। कुक का कहना है बिना अप्रवासियों के एप्पल का कोई वजूद नहीं होगा। उन्होंने जॉब्स की भी याद दिलाई है जो कि सीरियन माइग्रेंट के बेटे थे।
नेटफ्लिक्स
नेटफ्लिक्स के सीईओ रीड हैशटिंग्स इस आदेश पर सबसे ज्यादा नाराज हैं। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, 'ट्रंप केक एक्शन दुनियाभर में मौजूद नेटफ्लिक्स के कर्मियों को काफी तकलीफ पहुंचा रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब बात यह है कि इन एक्शंस की वजह से अमेरिका पर विपरीत असर पड़ेगा और देश पहले से ज्यादा असुरक्षित होगा। अब समय आ गया है जब हम एक साथ आकर स्वतंत्रता से जुड़े अमेरिकी मूल्यों की रक्षा करें।'
टेस्ला
टेस्ला मोटर्स और स्पेसएक्स के फाउंडर एलन मस्क जो ट्रंप के साथ काफी अच्छे रिश्ते रखते हैं, उन्होंने भी आदेश का विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'बहुत से लोगों पर इस नीति का नकारात्मक असर पड़ा है और ये वे लोग हैं जो अमेरिका के मजबूत समर्थक रहे हैं और इन्हें इंकार नहीं करना चाहिए।' मस्क साउथ अफ्रीका के रहने वाले हैं।
गूगल
पिचाई के मुताबिक ट्रंप के इस आदेश की वजह से गूगल के 187 कर्मियों पर असर पड़ेगा। गूगल ने सफर कर रहे अपने स्टाफ को अमेरिका लौट आने के लिए कहा है।पिचाई ने अपने स्टाफ को भेजे एक ई-मेल में कहा है कि इस एग्जिक्यूटिव ऑर्डर की वजह से उनके कर्मियों को होने वाला व्यक्तिगत नुकसान काफी दर्दनाक है। पिचाई ने अपने स्टाफ से कहा है कि वह गूगल ग्लोबल सिक्योरिटी टीम से तुरंत संपर्क करें अगर वह विदेश में हैं और उन्हें मदद की जरूरत है।
माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने आदेश पर कहा है कि वह प्रतिबंधित देशों में मौजूद अपने कर्मियों कानूनी सहायता मुहैया करा रहा है। माइक्रोसॉफ्ट के मुताबिक उसके सभी कर्मी कानून के तहत ही अमेरिका में काम कर रहे हैं।
फेसबुक
फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने सबसे पहले इस आदेश की अलोचना की थी। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, 'बाकी लोगों की ही तरह भी मुझे इस बात की चिंता हो रही है कि नए एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने साइन किया है, उसका क्या प्रभाव होगा?' मार्क ने आगे लिखा, 'हमें इस देश को सुरक्षित रखने की जरूरत है, लेकिन हमें ऐसा उन लोगों पर ध्यान लगाकर करना चाहिए जो वाकई देश के लिए खतरा है। हमें अपने दरवाजे उन शरणार्थियों के लिए खुले रखने होंगे जिन्हें वाकई मदद की जरूरत है।'