विरोध के बाद भी अमेरिका जाएंगी ताइवान की राष्ट्रपति, बिगड़ेंगे चीन-ताइवान के रिश्ते
अलगे माह लैटिन अमेरिका की यात्रा पर जा रही हैं ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन अमेरिका में ठहरेंगी। चीन के विरोध के बावजूद वेन जा रही हैं अमेरिका। चीन के साथ तनाव और बढ़ने की उम्मीद।
ताइपे। चीन और ताइवान के बीच इस समय रिश्ते काफी तल्ख हैं और अब ताइवान की राष्ट्रपति के नए कदम से इन रिश्तों में तल्खी और बढ़ सकती है। ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग वेन अगले माह लैटिन अमेररिका की यात्रा पर जा रही हैं। इस दौरान वह अमेरिका में कुछ पल ठहरेंगी, ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर से इसकी पुष्टि की जा चुकी है। चीन का पारा उनके इस नए कदम से और चढ़ जाएगा, इसकी पूरी उम्मीद है।
हो सकती है ट्रंप से मुलाकात
वेन की नौ दिनों की यात्रा सात जनवरी से शुरू हो रही है। चीन ने अमेरिका से अनुरोध किया था कि वह उस रास्ते को ब्लॉक कर दे जहां से वेन होकर गुजरेंगी। चीन को इस बात का डर है कि ताइवान की राष्ट्रपति ताइवान की आजादी के लिए मुहिम छेड़ सकती हैं। ताइवान एक स्वायत्त द्वीप है जिस पर चीन अपना हक जताता है। उसके इस कदम को दोनों देशों के बीच रिश्तों के लिए नागवार माना जाता है। ताइवान के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति ठहराव से जुड़ी और जानकारी इस हफ्ते के अंत तक जारी कर दी जाएगी। इस डिटेल पर काफी करीब से नजर रखी जा रही है क्योंकि हो सकता है कि राष्ट्रपति अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस दौरान मुलाकात करना चाहें। ट्रंप 20 जनवरी को अपना कार्यभार संभाल लेंगे।
चीन को नजरअंदाज कर ट्रंप ने किया कॉल
नए राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन का उस समय खासा नाराज कर दिया था जब राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने वेन से मुलाकात की। इस माह की शुरुआत में एक फोन कॉल के जरिए जब ट्रंप ने वेन से बात की तो चीन की 'वन चाइना पॉलिसी ' को लेकर अपने इरादे भी जाहिर कर दिए थे। वर्ष 1979 में जिमी कार्टर ने आखिरी बार बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति ताइवान के राष्ट्रपति से बात की थी। इसके बाद से ही अमेरिका चीन की 'वन चाइना पॉलिसी' को मानने लगा था। वर्ष 1990 के मध्य तक ताइवान के 30 डिप्लोमैटिक साझेदार थे लेकिन अब यह संख्या सिफ्र 21 ही रह गई है। वहीं ताइवान में अमेरिका के दूतावास की तरह काम कर रहे अमेरिकन इंस्टीट्यूट इन ताइवान की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।