नेपाल ने भारत को कहा नो थैक्स, नहीं चाहिए तुम्हारी जूठन
नयी दिल्ली। नेपाल ने भारत से आग्रह किया है कि वो राहत कोष के नाम पर पुराने कपड़े और जूठा खाना भेजने से मना कर दिया है। नेपाल ने कहा है कि पुराने कपड़े और बचा हुआ खाना भेजने की जरूरत नहीं है। नेपाल भूकंप पीड़ितों को इसकी जरुरत नहीं हैं।
नेपाल सरकार ने मदद के लिए उस वक्त मना किया है जब मदद सामग्री नेपाल के अधिकारियों को आपत्तिजनक वस्तुएं मिलीं। इसके बाद नेपाल ने न सिर्फ कपड़े और खाना भेजने से मना किया है बल्कि यह भी कहा कि जूठन किसी को नहीं दी जानी चाहिए।
आपको बता दें कि भारत के कई राज्यों जैसे कि गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड के अलावा भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, फिक्की और देना बैंक समेत कई संस्थाएं नेपाल को मदद भेज रही हैं। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आगे से इस बात का खास ख्याल रखा जाएगा।
गौरतलब है कि 25 अप्रैल को 7.9 तीव्रता की भूकंप आने के बाद नेपाल में जो तबाही मची थी उसमें भारत ने सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाया था। केवल भारत सरकार ने ही नहीं बल्कि कई एनजीओ और बड़े कॅारपोरेट घरानों ने भी नेपाल में भूकंप की मार झेल रहे करीब नौ करोड़ लोगों को मदद मुहैया कराई।