ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस वजह से अमेरिका के साथ टूटेंगे रिश्ते!
विशेषज्ञों का कहना भारत और अमेरिका के संबंधों पर असर डालेगा नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एच1बी1 वीजा पर उनका नजरिया।
वाशिंगटन। भारत में काफी लोग रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप के नए अमेरिकी राष्ट्रपति बनने पर काफी खुश हैं। लेकिन वहीं एक ऐसी बात भी है जिसका पता चलने पर उनकी खुशी थोड़ी देर के लिए गम में बदल सकती है। भारत और अमेरिका के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी तरक्की देखने को मिली है। लेकिन अब संबंध नया मोड़ ले सकते हैं।
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पाक पर मिलेगा ट्रंप का सपोर्ट
विशेषज्ञों की मानें तो भले ही ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन पाकिस्तान की आतंकवाद पर मौजूद नीतियों को लेकर कम उदार हो लेकिन लेकिन एच-1बी वीजा की वजह से भारत के साथ टकराव हो सकता है।
अमेरिकी के लीडिंग थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन में साउथ एशिया मामलों की जानकार लिजा कर्टिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन कुछ बातों में भारत-अमेरिका संबंधों में हुई उल्लेखनीय प्रगति को ध्यान में रखेगा।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर ट्रंप काफी सख्त हैं और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों के हमलों से चौकन्ने भारतीयों के बीच उन्हें समर्थन मिलेगा।
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लेकिन वीजा डालेगा दरार
वहीं एच-1बी वीजा दोनों देशों के बीच टकराव का क्षेत्र हो सकता है। लीजा की मानें तो एच-1बी वीजा का मुद्दा संभावित टकराव का क्षेत्र हो सकता है।
हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि अमेरिकी वर्कर्स को सुरक्षा देने के लिए ट्रंप कैसे ग्लोबल बिजनेस की पृष्ठभूमि के साथ डील करेंगे।
पिछले वर्ष ट्रंप ने अपनी एक रैली में कहा था कि वह राष्ट्रपति बनने के बाद देश में गैर-अमेरिकियों की नौकरी पर नियंत्रण लगाएंगे।
उनके रुख से एच-1बी वीजा पर अमेरिका में नौकरी करने वाले भारतीयों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है।
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क्या कहा था ट्रंप ने पिछले वर्ष
ट्रंप ने यहां पर ऐलान किया था कि राष्ट्रपति बनने के बाद न कंपनियों को कोई एच-1बी वीजा जारी नहीं करूंगा जो अमेरिकियों को निकालकर विदेशियों को नौकरी पर रखती हैं।
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उनके मुताबिक उनका जस्टिस डिपार्टमेंट इन कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। ट्रंप ने इस दौरान डिज्नी से भी कहा था कि वह उन अमेरिकी कामगारों को नौकरी पर वापस रखे, जिन्हें निकालकर कंपनी ने विदेश से आए कर्मियों को नौकरी दी है।
आपको बता दें कि इन विदेशी मजदूर में ज्यादातर भारत से हैं जो एच-1बी वीजा पर इंग्लैंड में काम कर रहे हैं।