न्यूयॉर्क टाइम्स के पास फोन रिकॉर्ड्स, चुनावों से पहले रूस के संपर्क में थी ट्रंप टीम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नई मुसीबत। न्यूयॉर्क टाइम्स का दावा चुनावों के समय रूसी इंटेलीजेंस एजेंसी के संपर्क में थे ट्रंप के टीम मेंबर्स। अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियां थीं परेशान।
वॉशिंगटन। एक और मीडिया रिपोर्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावों के दौरान ट्रंप की टीम के मेंबर्स रूस की इंटेलीजेंस अधिकारियों के सपंर्क में थे। यह रिपोर्ट उस समय आई है जब माइकल फ्लिन ने रूस के साथ सपंर्क के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है।
परेशान थीं अमेरिकी एजेंसियां
न्यूयॉर्क
टाइम्स
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
कॉल
रिकॉर्ड्स
और
इंटरसेप्ट
की
गई
बातचीत
से
यह
बात
साफ
होती
है
कि
ट्रंप
के
2016
के
राष्ट्रपति
चुनावों
के
प्रचार
की
टीम
और
ट्रंप
के
दूसरे
साथीचुनावों
से
पहले
रूस
के
सीनियर
इंटेलीजेंस
ऑफिसर्स
के
संपर्क
में
थे।
मीडिया
रिपोर्ट
के
मुताबिक
उसके
आरोप
चार
वर्तमान
और
पूर्व
अमेरिकी
अधिकारियों
के
इंटरव्यू
पर
आधारित
हैं।
रिपोर्ट
में
दावा
किया
गया
है
अमेरिकी
इंटेलीजेंस
अधिकारी
काफी
चिंतित
थे
क्योंकि
तब
उस
समय
उम्मीदवारी
हासिल
करने
की
कोशिशों
में
लगे
ट्रंप,
रूस
के
राष्ट्रपति
ब्लादीमिर
पुतिन
की
तारीफ
में
कोई
कसर
नहीं
छोड़ते
थे।
अमेरिकी
इंटेलीजेंस
अधिकारियों
की
ओर
से
जो
आरोप
लगाए
गए
हैं
उनमें
यह
पता
करने
की
कोशिश
की
जा
रही
है
कि
क्या
राष्ट्रपति
की
कैंपेन
टीम
रूस
के
साथ
डेमोक्रेटिक
नेशनल
कमेटी
के
ई-मेल
हैक
करने
या
फिर
दूसरे
तरीकों
से
चुनावों
को
प्रभावित
करने
में
तो
नहीं
लगी
थी।
सीआईए ने किया था दावा
इससे पहले दिसंबर में अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए ने दावा किया था कि ट्रंप की जीत में रूस का हाथ है। सीआईए के इस दावे के बाद पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी रिव्यू के आदेश जारी किए थे। सीआईए ने कहा था कि ट्रंप की मदद करने के लिए रूस ने चुनावों में हस्तक्षेप किया था। सीआईए के मुताबिक रूस की मदद से न सिर्फ ट्रंप व्हाइट हाउस पहुंचे बल्कि इलेक्टोरल सिस्टम में भी भरोसा बना रहा। अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से वाशिंगटन पोस्ट ने यह जानकारी दी है। वाशिंगटन पोस्ट ने उस समय जानकारी दी थी कि कि इंटेलीजेंस एजेंसी ने उन लोगों की पहचान कर ली है जिन्होंने रूस की सरकार के साथ चुनावों के समय संपर्क में किया था। इन लोगों ने रूस की सरकार को हजारों हैक्ड ई-मेल मुहैया कराए थे। यह सभी ई-मेल डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी और दूसरे लोगों से जुड़े थे जिनमें हिलेरी क्लिंटन भी शामिल थी। ई-मेल विकीलीक्स को भी मुहैया कराए थे।