देवास-एंट्रीक्स केस में भारत के खिलाफ फैसला, छवि पर पड़ सकता है असर
हेग। मंगलवार को हेग स्थित इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने देवास-एंट्रीक्स केस में भारत के खिलाफ फैसला सुनाया है। इसके साथ ही भारत को कोर्ट की ओर से भारत के खिलाफ फैसला आने के बाद देश को करीब एक बिलियन डॉलर यानी करीब 67 अरब रुपए का नुकसान हो सकता है।
इससे भी ज्यादा जो बात चिंताजनक है वह है, अंतराष्ट्रीय स्तर पर बिजनेस के लिए भारत की छवि खराब होने की आशंका।
जून 2011 में देवास मल्टीमीडिया ने हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट में केस फाइल कर मुआवजे की मांग की थी। भारतीय अंतरिक्ष संस्थान इसरो के तहत काम करने वाली एंट्रिक्स ने देवास मल्टीमीडिया के साथ जनवरी 2005 में डील की थी।
इस डील के तहत दो सैटेलाइट बनाने, लॉन्च करने और ऑपरेट करने थे। इन सैटेलाइट्स पर स्पेक्ट्रम कैपेसिटी को लीज पर देना था।
फरवरी 2011 में एंट्रिक्स ने फैसला किया कि वह डील खत्म कर देगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे सैटेलाइट लॉन्च और ऑपरेट करने के लिए ऑर्बिट में स्लॉट और फ्रिक्वेंसी नहीं मिल पा रही थी।
कैबिनेट की कमेटी ने इसरो की यूनिट एंट्रिक्स के इस फैसले को मंजूरी दी। देवास ने एंट्रिक्स पर आरोप लगाया कि उसने सैटेलाइट और स्पेक्ट्रम को अलॉट करने से पहले बोली नहीं लगाई थी।