राष्ट्रपति चुनाव बन गए हैं अमेरिका के खिलाफ चीन का प्रपोगैंडा
चीन की मीडिया को दिए गए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की ऐसी कवरेज के आदेश जिससे पड़े नकारात्मक प्रभाव।
बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच जो रिश्ते हैं, वे किसी से छिपे नहीं हैं। अब रिश्तों को इस चिंगारी को और भड़काएंगे अमेरिका में आठ नवंबर को होने वाले चुनाव। चीन की मीडिया को इन चुनावों को कवर करने के जो आदेश दिए गए हैं, उससे तो यही लगता है।
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राजनीति का हो नकारात्मक असर
चीन की मीडिया के लिए अमेरिकी चुनाव एक प्रपोगैंडे की तरह हैं। मीडिया को इन चुनावों को इस तरह से कवर करने के आदेश दिए गए हैं जिससे अमेरिकी राजनीति को लेकर लोगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़े। साथ ही ऐसी कवरेज हो जिससे अमेरिकी राजनीति लोगों को गंदी लगने लगे।
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ट्रंप और हिलेरी की बहस बेस्ट
एक सीनियर जर्नलिस्ट की मानें तो उसे प्राइमरी चुनावों के शुरू होने के समय ही पता लग गया था कि आने वाले समय उसके लिए मुश्किलों भरा हो सकता है।
जहां अमेरिकी विशेषज्ञ डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाली चुनावी प्रतियोगिता को इतिहास का सबसे बुरा दौर करार दे रहे हैं तो वहीं चीन की मीडिया दोनों के बीच जारी जंग को लेकर काफी खुश है।
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चुनावों को रोचक बनाते स्कैंडल्स
चीन की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चुनाव अभियान के दौरान सामने आने वाले स्कैंडल्स, अफवाहें और षड्यंत्र से जुड़ीं बातें इसे और रोचक बना दे रही हैं।
वहीं चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि किसे चुनावों में राष्ट्रपति पद का जिम्मा मिलेगा, हकीकत यह है कि इन चुनावों की याद हमेशा लोगों को रहेगा।