भारत के खिलाफ विवाद बढ़ाने से चीन को होगा नुकसान, अमेरिकी विशेषज्ञ ने चेताया
वॉशिंगटन। भारत और चीन के बीच पिछले कई दिनों से सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास देखने को मिल रही है।इस बीच शनिवार को एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने कहा कि चीन द्वारा सिक्किम और डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण से भारत को ही फायदा होने वाला है। इस विवाद से भारत कई बड़े देशों के नजदीक आएगा।
अमेरिका और जापान के नजदीक आएगा भारत
एशियन सिक्योरिटी प्रोग्राम के डायरेक्टर जेफ स्मिथ के अनुसार, दोनों देशों के बीच यह गतिरोध भारत के युवाओं में संदेह पैदा करेगा, जिन्हें चीन विवाद के बारे में पूरा पता ही नहीं है। हालांकि, इस विवाद से भारत ना सिर्फ अमेरिका और जापान के नजदीक आएगा बल्कि देश में चीन विरोधी भावनाएं भी पैदा होगी।
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रिश्तों में खटास पैदा करने के अलावा कुछ नहीं कर सकता चीन
भारत चीन सीमा विवाद पर एक पैनल डिस्कशन के दौरान स्मिथ ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि चीन इस सड़क निर्माण से क्या चाहता है और हम यह भी जानते हैं कि इससे क्या परिणाम निकलने वाले हैं। दरअसल चीन, मोदी प्रशासन में रिश्तों में खटास पैदा करना चाहता है, जो बहुत पहले से ही हो चुके हैं'। उन्होंने यह भी कहा कि चीन इस विवाद पर कोई समझौता नहीं चाहता है और मुझे नही पता कि इन सब से चीन को क्या हासिल होने वाला है। वहीं, इस विवाद पर भारत का दांव बिल्कुल स्पष्ट और मजबूत दिखाई देता है। चीन के लिए लाइन ऑफ कंट्रोल के ऊपर यह क्षेत्र ना सिर्फ व्यर्थ है बल्कि अब चीनी सेनाओं के लिए यह विवाद गले की हड्डी की तरह बन चुका है।
30 सालों का मजबूत रिश्ता, 30 दिन में हुआ खराब
चीन और यूएस में राजदूत रह चुकी निरुपमा राव बताती है कि पिछले 30 सालों में भारत और चीन के रिश्तों को बहुत ही ध्यान से निर्मित किया गया था जो अब पिछले चार हफ्तों में ही धुंधला दिखने लग गया है। राव के अनुसार 'अगर चीन डोकलाम में अपनी सेना बनाए रखता है और वहां से नहीं हटाता है तब चीन और भूटान के दक्षिणी सीमा पर आपको गतिरोध बढ़ाना ही होगा'।
इस नए विवाद के ये हैं 5 कारण
वही,
विल्सन
सेंटर
में
दक्षिण
एशिया
के
उप
निदेशक
और
वरिष्ठ
एसोसिएट
माइकल
कुगेलमैन
के
मुताबिक,
'यह
विवाद
कोई
नया
नहीं
है
लेकिन
हाल
ही
के
दिनों
में
कुछ
ऐसे
कारण
पैदा
हुए
है
जो
पिछले
कारण
से
भी
ज्यादा
डराते
हैं'।
पहला-
कैसे
भी
करके
दोनों
देशों
के
बीच
इस
मौके
पर
चिंता
को
बढ़ाना।
दूसरा-
इस
विवाद
में
भूटान
जैसे
तीसरे
मुल्क
को
शामिल
करना।
तीसरा-
अपनी
अचल
संपत्ति
को
कम
बताते
हुए
भारत
के
उत्तर-पूर्वी
पठारी
क्षेत्र
को
अपना
बताना।
चौथा-
दोनों
पक्षों
की
तरफ
बयानबजाजी
और
खास
तौर
से
चीनी
मीडिया
की
तरफ
से
जो
पिछले
कई
टाइम
से
काफी
तेज
हो
गया
है।
पांचवा-
यह
सबसे
महत्वपूर्ण
है
कि
इस
बार
इस
विवाद
में
किसी
तीसरे
देश
को
जबरदस्ती
घुसाया
जा
रहा
है
और
यह
पहली
बार
है
कि
दोनों
देशों
की
सेनाएं
किसी
तीसरे
मुल्क
की
धरती
पर
खड़ी
है।