राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताइवान रुख पर चीन की धमकी, चुकानी पड़ेगी बड़ी कीमत
नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फिर दी चीन ने चेतावनी। ताइवान पर अगर नहीं बदलेंगे रुख तो फिर चीन भी नहीं बैठेगा शांत। इससे पहले साउथ चाइना सी को लेकर दी थी युद्ध की धमकी।
बीजिंग। एक बार फिर से चीन की ओर से नए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए वॉर्निंग आई है और वजह है ताइवान। चीन की ओर से ट्रंप को साफ-साफ कहा गया है कि अगर उन्होंने ताइवान पर अपनी नीति नहीं बदली तो फिर चीन भी शांत नहीं बैठने वाला है। सोमवार को चीन के दो सरकारी अखबार की ओर ट्रंप को कहा गया है कि अगर उन्होंने ताइवान पर अपना मौजूदा रुख नहीं बदला ते फिर चीन भी शांत नहीं बैठेगा।
ट्रंप चीन को उकसा रहे हैं
न्यूज एजेंसी रायटर्स की ओर से जानकारी दी गई है कि ट्रंप, ताइवान पर अपने रुख से चीन को उकसा रहे हैं और उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। वहीं ताइवान खुद को एक आजादी देश कहता है। ट्रंप 20 जनवरी यानी इस शनिवार को अपना पद संभाल लेंगे। चाइना डेली की ओर से लिखा गया है, 'अगर पद संभालने के बाद भी ट्रंप अपना हठ नहीं छोड़ते हैं और इस जुंए को खेलते हैं तो फिर बातचीत की प्रक्रिया को क्षति से बचा पाना असंभव होगा, क्योंकि फिर बीजिंग के पास कोई और विकल्प नहीं रह जाएगा और फिर चीन हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठ सकता है।' पढ़ें- साउथ चाइना सी पर चीन ने दी अमेरिका को युद्ध की धमकी
रिश्तों का बिगड़ना तय
चाइना डेली ने लिखा है की चीन ने पिछले दिनों वॉल स्ट्रीट जनरल में आई ट्रंप की प्रतिक्रिया पर खास नजर रखी है। ट्रंप ने पिछले दिनों अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि 'वन चाइना पॉलिसी' को लेकर उनकी कोई भी नीति भविष्य में होने वाली बातचीत पर आधारित होगी। चाइना डेली के मुताबिक ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद 'वन चाइना पॉलिसी' में किसी भी बदलाव से दोनों देशों के संबंध बिगड़ना तय है। वहीं चीन के एक और सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'अगर ट्रंप वन चाइना पॉलिसी से कोई छेड़छाड़ करते हैं तो चीन सख्त कदम उठाएगा। इससे ताइवान को चीन में मिलाने की प्रक्रिया तेज होगी और उन लोगों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा जो ताइवान की आजादी का समर्थन करते हैं।' पढ़ें-ओबामा के इस फैसले को खत्म करने के लिए तैयार ट्रंप
ट्रंप के हर कदम से भड़का चीन
ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद दिसंबर में ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से फोन पर बात की थी और 'वन चाइना पॉलिसी' की अहमियत पर भी सवाल उठाया था। इसके बाद चीन की तीखी प्रतिक्रिया आई थी। इस पर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि 'वन चाइना पॉलिसी' चीन और अमेरिका के संबंधों का आधार है और इसे लेकर किसी तरह का मोलभाव संभव नहीं है।