दुनिया ने बजाई इसरो के लिए तालियां, लेकिन चीन को हो रही है भारत से जलन
इसरो की सफलता से चीन को हुई जलन, चीन ने कहा भारत के लिए गौरवशाली मौका लेकिन अभी अमेरिका और चीन से काफी पीछे है भारत। कहा अभी तक कोई भी भारतीय अंतरिक्ष यात्री, अंतरिक्ष में नहीं है।
बीजिंग। इसरो की सफलता के बाद पूरी दुनिया की मीडिया इसरो के लिए तालियां बजा रही है तो वहीं एक देश ऐसा भी है जो तंज कसने से बाज नहीं आ रहा है। यह देश कोई और नहीं बल्कि चीन है और चीन के तंज के जरिए उसकी जलन को महसूस किया जा सकता है। भारत ने 15 फरवरी को एक साथ 104 सैटेलाइट्स को भेजकर एक नया इतिहास रचा है। भारत ने इस उपलब्धि के साथ रूस का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
क्या कहा है चीन ने
चीन के सरकार न्यूजपेपर ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, 'यह शायद पहली बार है जब भारत ने स्पेस टेक्नोलॉजी में कोई बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। भारतीयों के पास गौरव महसूस करने का एक मौका है।' वर्ष 2013 में ग्लोबल टाइम्स ने ही भारत के मंगलयान मिशन पर सवाल उठाया था। इसने कहा था कि चीन को पीछे करने के लिए भारत लाखों गरीबों और अशिक्षित लोगों के बावजूद मंगल पर मंगलयान की तैयारी कर रहा है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक स्पेस टेक्नोलॉजी की सफलता एक बार में कितने सैटेसैटेलाइट भेजे गए हैं इस पर निर्भर नहीं हैं। यह कहना सही होगा कि भारत की उपलब्धि की अहमियत काफी सीमित है। हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने भारत की इस उपलब्धि के कम पैसे में पूरा हो जाने का भी जिक्र किया है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत की सफलता ने दूसरे देशों को भी राह दिखाई है।
भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं
ग्लोबल टाइम्स ने तंज कसते हुए कहा कि भारत अभी अमेरिका और चीन से इस क्षेत्र में काफी पीछे है। इनकी बराबरी करने के लिए भारत को लंबा वक्त तय करना है। चीन के दो अंतरिक्ष यात्रियों ने पिछले वर्ष 30 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे। लेकिन अभी तक भारत के पास स्पेस स्टेशन के लिए कोई भी योजना नहीं है। साथ ही मौजूदा समय में भारत का कोई भी अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में नहीं है। गौरतलब है कि जब भारत ने मंगलयान का सफल मिशन किया था तो चीन की ही मीडिया ने उसे पूरे एशिया के लिए गौरव करार दिया था। चीनी मीडिया ने कहा था कि वह भारत के साथ मिलकर स्पेस के क्षेत्र में काम करना चाहता है। पढ़ें-इसरो का मजाक उड़ाने वाली मीडिया कर रही अब सैल्यूट