चीन ने दक्षिण चीन सागर में दिखाई ताकत, एयरक्राफ्ट कैरियर को पहुंचाया ताईवान के नजदीक
विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन ने एक बार फिर से अपनी ताकत दिखाई है। बता दें कि अमेरिका और चीन के बीच इस मुद्दे पर काफी वाकयुद्ध हो चुका है।
बीजिंग। चीन का पहला एयक्राफ्ट कैरियर फॉर्मेशन ताइवान के नजदीक गया था और उससे जुड़ी ड्रिल्स विवादित दक्षिण चीन सागर में की गई जिसके बाद वो क्विंगदाओ पोर्ट की ओर वापस गया। यह जानकारी चीनी नौसेना ने जानकारी दी। इस एयरक्राफ्ट करियर लियोनिंग में कुछ घातक हथियार, कुछ J-15 कैरियर आधारित फाइटर जेट, हेलिकॉप्टर और बोहाई समुद्र में फ्लीट पीले समुद्र, पूर्वी चीन समुद्र और दक्षिण चीन सागर के जरिए गुजरा।
पीपुल
लिब्रेशन
आर्मी,
नौसेना
के
मुताबिक
क्रिसमस
डे
के
दिन
बनाया
गया
फॉर्मेशन
मियाकाटो,
बाशी
और
ताइवान
के
समुद्र
संधि
के
रास्ते
गुजरा।
चीनी
नौसेना
के
मुताबिक
J-15
फाइटर
जेट
ने
इस
दौरान
विभिन्न
हाइड्रोलॉजिकल
और
मौसम
की
परिस्थितियों,
एयर
कॉम्बैट
टैक्टिस,
एयर
रिफ्यूलिंग
सरीखे
अन्य
कामों
को
अंजाम
दिया।
इस
ड्रिल
के
जरिए
एयरक्राफ्ट
कैरियर
के
फॉर्मेशन
के
कॉम्बैट
कैपेबिलिटी
को
आंका
गया।
फॉर्मेशन
के
कमांडर
चेन
युकी
ने
कहा
कि
ड्रिल
को
एक
रियल
कॉम्बैट
सिचुएशन
की
तरह
तैयार
किया
गया
था।
बता
दें
कि
चीन
फिलहाल
दूसरा
एयरक्राफ्ट
कैरियर
बना
रहा
है
और
तीसरे
की
योजना
तैयार
कर
रहा
है।
इससे
पहले
चीन
की
आधिकारिक
मीडिया
ने
अमेरिका
को
युद्ध
की
धमकी
दी
है।
मीडिया
ने
कहा
है
कि
अगर
अमेरिका
ने
साउथ
चाइना
सी
पर
जाने
से
उसे
रोका
तो
फिर
बड़ा
युद्ध
छिड़ेगा।
चीन
की
मीडिया
की
ओर
से
यह
प्रतिक्रिया
उस
समय
आई
है
जब
अमेरिका
के
भावी
विदेश
सचिव
रेक्स
टिलरसन
ने
चीन
को
नए
द्वीप
पर
रोकने
या
उस
प्रतिबंधित
करने
की
बात
कही
है।
चीन
के
सरकारी
अखबार
ग्लोबल
टाइम्स
की
ओर
से
लिखा
गया
है,
'क्या
टिलरसन
की
शेखी
सीनेट
के
लिए
सिर्फ
धोखा
नहीं
है।
सीनेटर्स
का
समर्थन
जुटाना
और
जानबूझकर
चीन
की
ओर
कठोर
रुख
दिखाना
था,
जिसके
सहारे
उनकी
नियुक्ति
की
संभावनाओं
को
बढ़ाने
का
प्रयास
किया
गया।'
टिलरसन
को
नए
अमेरिकी
राष्ट्रपति
ट्रंप
ने
स्टेट
सेक्रेटरी
के
पद
के
लिए
चुना
है।
टिलरसर
ने
साउथ
चाइना
सी
पर
चीन
के
कृत्रिम
द्वीप
निर्माण
को
बिल्कुल
रूस
की
ओर
से
क्रीमिया
पर
नियंत्रण
करने
जैसा
ही
बताया
है।
नई
अमेरिकी
सरकार
चीन
को
इस
मुद्दे
पर
एक
साफ
संकेत
भेजना
चाहती
है
कि
'पहले
द्वीप
का
निर्माण
बंद
किया
जाए
और
दूसरा
चीन
को
यहां
पर
प्रतिबंधित
किया
जाए।'
ग्लोबल
टाइम्स
की
ओर
से
लिखा
गया
है,
'यह
अभी
साफ
नहीं
है
कि
उन्होंने
जो
भी
बातें
कहीं
हैं
उनमें
से
उनके
लिए
कौन
सी
अहम
है?
लेकिन
उनकी
बातों
पर
ध्यान
देना
काफी
जरूरी
है
क्योंकि
अमेरिका
की
ओर
से
अभी
तक
यह
सबसे
कठोर
प्रतिक्रिया
है।'
ये
भी
पढ़े:साउथ
चाइना
सी
पर
चीन
ने
दी
अमेरिका
को
युद्ध
की
धमकी