जर्मन यूनिवर्सिटी रिसर्च का दुखद दावा, जब तक जीवन है तब तक रहेगा कैंसर
कैंसर दुनिया भर में होने वाली मौत के मुख्य कारणों में गिना जाता है। 2012 में कैंसर से 82 लाख लोगों की जिंदगी अंधेरे में गई। यह बहुत ही पुरानी बीमारी है और अब एक अंग्रेजी मीडिया के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय रिसर्चरों का कहना है कि यह तब तक रहेगा जब तक जीवन है।
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रिसर्चरों का कहना है कि पृथ्वी पर बहुकोशिका वाली जिंदगी जीना बहुत ही पुराना है और संभवतः उसे कभी भी खत्म नहीं किया जा सकेगा। लंदन से प्रकाशित होने वाली विज्ञान पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध परिणामों में इस तरह का दावा किया गया है।
सेल के अंदर डीएनए में होने वाले बदलाव की वजह से पैदा होने वाले कैंसर में कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि होती है। इसके परिणामस्वरूप ट्यूमर पैदा होता है, जिसमें शरीर के सामान्य ऊत्तक में घुसने और उसे नष्ट करने की क्षमता होती है। जो कि एक समय के बाद जिंदगी को मौत में बदल देती है।
कील के रिसर्चरों का मानना है कि हाइड्रा जैसे आदिकालीन जानवरों के अध्ययन से इंसानों में कैंसर वाले ट्यूमर के विकास की प्रक्रिया के बारे में काफी जानकारी मिल सकती है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार हर साल कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े, लीवर, पेट और स्तन के कैंसर से होती है।
महिलाओं और पुरुषों में आम तौर पर होने वाले कैंसरों के प्रकार अलग अलग हैं। कैंसर मात्र एक सेल से पैदा होता है, एक सामान्य सेल के कैंसर वाले सेल में बदलने की प्रक्रिया कई स्तरों में होती है। एक स्तर पर जाकर पीड़ित अपनी जिंदगी खो देता है।