ईयू छोड़ने को रेडी ब्रिटेन लेकिन अभी तक न कोई डील न कोई बातचीत
23 दिसंबर 2016 को ब्रेग्जिट पर आए जनमत संग्रह के बाद अब यूरोपियन यूनियन से अलग होगा ब्रिटेन। जनमत संग्रह में 52 प्रतिशत लोगों ने दिया था ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने पर वोट।
लंदन। पिछले वर्ष ब्रेग्जिट पर आए जनमत संग्रह के बाद अब ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन (ईयू) से विदा होने वाला पहला सदस्य बनने वाला है। फिलहाल ब्रेग्जिट का समय अैर छोड़ने से पहले शर्तों के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि इससे जुड़ी बातचीत जारी है।
वर्ष 1973 में बना था ईयू का सदस्य
23 जून को ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन (ईयू) से अलग होने पर जनमत संग्रह का फैसला आया था। इसमें 52 प्रतिशत लोगों ने ब्रेग्जिट के पक्ष में और 48 प्रतिशत लोगों ने इसके ईयू में बने रहने के पक्ष में वोट दिया था। हालांकि इनमें से ज्यादातरा लोग स्कॉटलैंड, नॉर्दन आयरलैंड और लंदन के थे। वर्ष 1973 में ब्रिटेन ईयू का सदस्य बना था और तब से ही ब्रसेल्स के साथ इसके रिश्ते कभी बिगड़ते तो कभी बनते। पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने वर्ष 2010 में जब अपना पद संभाला तो उन्होंने मतभेदों को खत्म करने के मकसद से जनमत संग्रह के बार में ऐलान किया। जनमत संग्रह के बाद उन्हें अपने पद से हाथ धोना पड़ा था।
वर्ष 2019 से पहले करनी होगी कोई डील
कैमरुन के जाने के बाद थेरेसा मे ने बतौर प्रधानमंत्री ब्रिटेन की कमान संभाली। मे का कहना है कि वह आर्टिकल 50 चाहती है। यह आर्टिकल वह औपचारिक प्रक्रिया है जिसके तहत यूरोपियन यूनियन से किसी सदस्य को बाहर किया जाता है। यह ईयू के लिस्बन ट्रीटी के तहत आता है और मार्च के अंत तक इसके तहत सदस्य ईयू को छोड़ देते हैं। ब्रिटेन के वित्त मंत्री फिलिप हैमॉन्ड कह चुके हैं कि वह बातचीत गर्मियों के पहले शुरू होने की उम्मीद करते हैं। आर्टिकल 50 के तहत बातचीत के लिए अधिकतम दो वर्षों का समय होता है। अगर तब तक कोई भी डील नहीं हो पाती है तो फिर ब्रिटेन को बिना किसी सौदे के ईयू को अलविदा कहना होगा, अगर ईयू के बाकी सदस्य इस समयसीमा को बढ़ाने पर राजी नहीं होते। ईयू के टॉप ब्रेग्जिट नेगोशिएटर माइकल बर्नियर का कहना है कि वर्ष 2019 से पहले कोई न कोई सौदा जरूर हो जाना चाहिए। वर्ष 2019 में ईयू के संसदीय चुनाव होने हैं।