धर्म के मुद्दे पर ओबामा के बयान का 'घर वापसी' से कोई लेना-देना नहीं!
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले मंगलवार यानी 27 जनवरी को दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडीटोरियम में जब करीब 2,000 लोगों को संबोधित किया तो उन्होंने एक ऐसी बात का जिक्र कर दिया जिसका फसाना बना। ओबामा ने धार्मिक स्वतंत्रता और सहनशीलता को लेकर जो बयान दिया था, अब उस पर व्हाइट हाउस ने आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है।
व्हाइट हाउस ने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा कि ओबामा के बयान का भारत में गलत मतलब निकाला गया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक लोगों ने उनके बयान को गलत संदर्भ में प्रयोग किया है।
भारत में बना दिया गया तिल का ताड़
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सीनियर निदेशक फिलिप राइनर ने कहा, 'मुझे लगता है कि ओबामा के बयान को भारत में लोगों ने गलत अर्थों में लिया।' राइनर के मुताबिक उन्हें नहीं लगता कि ओबामा के बयान का वह मतलब था जो निकाला गया।
ओबामा के बयान को व्हाइट हाउस ने पूरी तरह से लोकतांत्रिक और दोनों देशों के नैतिक मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित बताया गया। व्हाइट हाउस की मानें तो ओबामा ने वहीं बातें कहीं जिसका जिक्र पीएम नरेंद्र मोदी ने इस भाषण से एक रात पहले किया था।
ओबामा का बयान और घर वापसी
ओबामा ने सिरी फोर्ट में कहा था, 'भारत को सफलता मिलेगी अगर उसने धार्मिक विश्वासें से जुड़ी आस्था को खत्म नहीं होने दिया।' भारत में कई लोगों ने इस बयान के बाद केंद्र की बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया।
लोगों ने इस बयान को कट्टर हिंदुवादी नेताओं की ओर से धर्म परिवर्तन के लिए चलाई गई मुहिम 'घर वापसी' से जोड़कर देखना शुरू किया। लोगों ने केंद्र सरकार की आलोचना की कि अब जबकि खुद अमेरिका ने इस पूरी मुहिम के खिलाफ आवाज उठाई तो फिर केंद्र सरकार क्यों खामोश बैठी है।
विपक्षी दल हुए थे खुश
जहां बीएसपी की प्रमुख मायावती ने इसे केंद्र सरकार के आखिरी दांव और सरकार के मुंह पर बड़ा तमाचा करार दिया तो वहीं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इस बयान के लिए ओबामा का शुक्रिया अदा किया। लालू ने कहा कि ओबामा के बयान के बाद अब लोगों को मोदी का असली रंग समझ लेना चाहिए।
अमेरिका की मीडिया में भी ओबामा के इस बयान को घर वापसी जैसे मुद्दों से जुड़ी बातों के विरोध में अमेरिकी राष्ट्रपति की करारी प्रतिक्रिया के तौर पर बताया गया। राइनर की मानें तो उन्हें ऐसा नहीं लगता कि ओबामा के बयान को किसी तरह के आखिरी दांव के तौर पर देखा जाना चाहिए।
ओबामा के साथ भारत आए थे राइनर
राइनर ओबामा के साथ भारत आए थे और उन्होंने ओबामा के इस बयान को काफी करीब से सुना था। राइनर की मानें तो अमेरिका और भारत दोनों ही देश एक दूसरे की तरक्की और आर्थिक प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं।