मिलिए अफगान एयरफोर्स की महिला पायलट कैप्टन साफिया फिरोजी से
अफगानिस्तान की दूसरी महिला पायलट बनीं 26 वर्ष की कैप्टन साफिया फिरोजी। पति भी अफगानिस्तान एयरफोर्स में पायलट।
काबुल। अफगानिस्तान का जिक्र अगर आप करेंगे या फिर आपसे कोई करेगा तो आपको बस तालिबान के महिलाओं के लिए कड़े कानून और आतंकवाद ही नजर आएगा। लेकिन अब आप 26 वर्ष की साफिया फिरोजी या कैप्टन साफिया फिरोजी के बारे में भी चर्चा कर सकते हैं।
ट्रांसपोर्ट पायलट हैं साफिया
कैप्टन साफिया फिरोजी अफगानिस्तान की दूसरी महिला पायलट और एक प्रतीक कि अब यहां की महिलाएं जो सपना देख रही हैं उसे पूरा भी कर रही हैं।
साफिया अफगानिस्तान की एक शरणार्थी हैं और वह अफगानिस्तान की छोटी सी एयरफोर्स में ट्रांसपोर्ट पायलट हैं।
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साफिया की शादी भी एक पायलट से हुई है और वह भी उसी यूनिट में हैं जो अफगानिस्तान की आर्मी को ग्राउंड सपोर्ट मुहैया कराती है। अफगान एयरफोर्स पिछले कई वर्षों से देश में तालिबान चरमपंथ का मुकाबला कर रही है।
16 वर्ष बदलनी शुरू हुई तस्वीर
आज से 16 वर्ष पहले साल 2001 में जब अमेरिकी सेनाएं यहां पर दाखिल हुईं तो तालिबान का साम्राज्य खत्म होने लगा।
यहां से महिलाओं का एक मौका मिला जब वह समाज में अपनी मौजूदगी दर्ज करा सकती थी। महिलाओं ने संसद, सरकार और मिलिट्री में अपनी पहचान बनानी शुरू की।
इसके बावजूद आज भी कुछ महिलाओं को रुढ़िवादिता का सामना करना पड़ता है। आज भी यहां पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा में कोई लगाम नहीं है।
टीवी पर एड ने दिया सपना
तालिबान का साम्राज्य बिखरने के बाद साफिया हाई स्कूल में थीं जब उन्होंने टीवी पर एक एड देखा। इस एड में महिलाओं से मिलिट्री में शामिल होने की अपील की जा रही थी।
ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद साफिया ने मिलिट्री एकेडमी में एडमिशन लिया।
यहां पर वह कम्यूनिकेशन ऑफिसर की अपनी पढ़ाई पूरी करने में लग गई। उसी समय एकेडमी की ओर से घोषणा की गई कि उसे महिला पायलटों की जरूरत है।
12 महिलाओं में सिर्फ फिरोजी सफल
तभी फिरोजी और 12 अन्य महिलाओं ने एडमिशन लिया लेकिन सिर्फ फिरोजी ही टेस्ट को पास कर सकीं और फिर उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई।
जब उनकी ट्रेनिंग चल रही थी तभी उनकी मुलाकात कैप्टन मोहम्मद जावेद नजाफी से हुई। उस समय जावेद भी पायलट थे और दो वर्षों बाद दोनों की शादी हो गई।
एक बेटी की मां फिरोजी
वर्ष 2015 में वह ग्रेजुएट हुईं और अपने पहले बच्चे को जन्म किया जो कि बेटी है। आठ माह बाद वह फिर से वापस एयरफोर्स में अपनी जिम्मेदारियों को अंजाम दे रही हैं।
फिरोजी कहती हैं, 'एक महिला के तौर पर आपको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन आपको उन सभी समस्याओं के साथ आगे बढ़ना होगा।' उन्हें उम्मीद है कि वह बाकी महिलाओं को भी प्रेरित कर सकेंगी।
निलोफर ने रचा था इतिहास
साफिया से पहले वर्ष 2013 में निलोफर रहमानी को अफगानिस्तान एयरफोर्स की पहली महिला पायलट बनने का गौरव हासिल हुआ था।
निलोफर अफगानिस्तान एयरफोर्स में एक फिक्स्ड विंग पायलट हैं। निलोफर के पिता भी अफगान एयरफोर्स में थे और उन्होंने सोवियत वॉर में हिस्सा लिया था।