फेसबुक के एक एक्शन पर अमेरिका को लगी मिर्ची
मॉस्को। मई में जब से यूक्रेन संकट की शुरुआत हुई है तब से ही यूरोपियन देशों के साथ ही साथ अमेरिका भी रूस और इसके राष्ट्रति ब्लादीमिर पुतिन का सबसे बड़ा विरोधी बन गया है। वहीं अब दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट और अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने जो किया है, उसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के सिर का दर्द बढ़ सकता है।
फेसबुक ने उन रशियन फेसबुक यूजर्स के लिए उस पेज को ब्लॉक कर दिया है जो राष्ट्रपति पुतिन की आलोचना करने वाले ब्लॉगर एलेक्सी नैवेलिनी का समर्थन करने वाले थे।
पेज से रूस में बढ़ सकता था तनाव!
माना जा रहा है कि फेसबुक की ओर से यह कदम सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को किसी पॉलिटिकल मूवमेंट के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराने से बचाने के लिए उठाया गया है। अगर आपको याद हो तो वर्ष 2011 में अरब क्रांति के समय फेसबुक ने एक बड़ा रोल अदा किया था। अब रूस में भी फेसबुक का प्रयोग उसी अंदाज में जानकारियां साझा करने के लिए हो रहा था।
शनिवार को रूस के इंटरनेट नियामक की ओर से एक अनुरोध फेसबुक को भेजा गया था जिसमें मांग की गई थी कि कंपनी उस पेज का एक्सेस ब्लॉक कर दे जो नैवालिनी के समर्थन में चलाए जा रहा है। नैवालिनी रूस में राष्ट्रपति पुतिन के सबसे घोर आलोचक के तौर पर जाने जाते हैं।
रूस में इंटरनेट सेंसरशिप
इस पेज को शुक्रवार को उस समय शुरू किया गया था जिसमें रूस के अभियोजकों की ओर से मांग की गई थी कि नैवालिनी पर क्रिमिनल केस दर्ज कर उन्हें 10 वर्षों के लिए जेल भेज दिया जाए।
सिर्फ कुछ ही घंटों के अंदर इस पेज को हजारों लोगों ने लाइक कर डाला था। जिन लोगों ने इस पेज को लाइक किया था उन सभी ने शनिवार को एक मीटिंग में शिरकत करने की अपील की थी। बताया जा रहा है कि यह संख्या करीब 12,300 थी।
फेसबुक के प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी की ओर से इस पूरे मसले की जांच शुरू कर दी गई है। लेकिन वहीं एक पेज को ब्लॉक करने के बाद शनिवार को इसी तरह के कई पेज सेट अप कर डाले गए थे। रविवार तक मॉस्को में लोगों को इन पेजों का एक्सेस मिल रहा था।
रूस में फरवरी में जो नियम आया है उसके मुताबिक रूस के इंटरनेट नियामक के पास यह अधिकार है कि वह उन पेजों को ब्लॉक कर सके जिनमें सरकार विरोधी प्रदर्शनों की मांग कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही हो।