फोन चुराने पर पत्नी ने डांटा तो शराबी पति ने कहा तलाक-तलाक-तलाक
बरेली। एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में तीन बार तलाक को खत्म किए जाने के लिए एफिडेविट दिया है तो दूसरी तरफ बरेली में एक और मामला सामने आया है जहां पत्नी ने पति को डांटा तो उसने उसे तलाक दे दिया है।
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तलाक-तलाक
कह
घरवालों
को
किया
बाहर
बरेली
में
35
साल
की
शबनम
बी
जोकि
पढ़ी-लिखी
नहीं
है
जब
उन्होंने
अपने
40
वर्षीय
पति
आजाद
जोकि
रिक्शा
चलाता
है
को
फोन
चुराने
के
लिए
डांटा
तो
उसने
सबके
सामने
पत्नी
को
तलाक
दे
दिया
और
पत्नी
व
बच्चों
को
घर
से
बाहर
कर
दिया।
एलओसी
पर
इंडियन
आर्मी
का
मंत्र,
'दुश्मन
शिकार,
हम
शिकारी'
महिला ने स्वीकार किया तलाक
महिला का कहना है कि उसने इस तलाक को स्वीकार कर लिया है लेकिन वह चाहती है कि पुलिस उसके पति को जेल भेजे क्योंकि वह उसके व बच्चों के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है। जिस वक्त आजाद ने तलाक दिया वह नशे में था और उसपर आरोप है कि वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ हिंसा करता था।
फोन
चुराने
के
लिए
डांटा
था
पति
को
जमील
अहमद
ने
आजाद
के
खिलाफ
रविवार
को
उनकी
दुकान
से
फोन
चुराने
का
मामला
दर्ज
कराया
था।
जिसके
बाद
पुलिस
आजाद
से
पूछताछ
करने
के
लिए
बरेली
के
हाफिजगंज
पहुंची।
लेकिन
जब
पुलिस
पूछताछ
करके
गई
तो
पत्नी
ने
पति
को
फोन
चुराने
के
लिए
डांटा।
लेकिन
जब
पत्नी
ने
आजाद
को
डांटा
तो
वह
उसके
साथ
मारपीट
करने
लगा,
लेकिन
जब
बड़े
बेटे
मुश्ताक
ने
बीचबचाव
की
कोशिश
की
तो
वह
उसे
भी
मारने
लगा।
महिला
का
आरोप
है
कि
आजाद
ने
उसके
तीनों
बच्चों
के
साथ
मारपीट
की,
इसके
बाद
उसने
तीन
बार
तलाक
कहा
और
हमें
घर
से
बाहर
फेंक
दिया।
पत्नी
व
बच्चों
का
जान
का
खतरा
शबनम
ने
कहा
कि
तलाक
देने
के
बाद
आजाद
घर
के
दरवाजे
पर
हथियार
लेकर
बैठ
गया
और
हमें
मारने
की
धमकी
देने
लगा
कि
अगर
वह
घर
के
अंदर
आएं
तो
वह
उन्हें
मार
देगा।
शबनम
के
भाई
मोहम्मद
आरिफ
का
कहना
है
कि
आजाद
उसकी
बहन
को
20
साल
से
मार
रहा
है।
शरीयत
के
हिसाब
से
तलाक
मान्य
आरिफ
ने
बताया
कि
उसने
तमाम
मौलवियों
से
यह
जानने
की
कोशिश
की
कि
नशे
में
आजाद
का
तलाक
देना
मान्य
है
तो
मौलवी
ने
बताया
कि
अगर
सुबह
वह
याद
रखता
है
कि
उसने
तलाक
दिया
है
तो
यह
मान्य
होगा।
आरिफ
ने
बताया
कि
उसे
सुबह
याद
था
कि
उसने
तलाक
दिया
था।
वहीं शबनम ने पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हाफिजगंज के एसओ गिरीश राज ने बताया कि हमने आजाद के खिलाफ 151 आईआरपीसी की धारा में मामला दर्ज कर लिया है।
मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी का कहना है कि शरीयत के अनुसार यह तलाक मान्य हैं, लेकिन पति पत्नी के साथ मारपीट करता था यह गलत है। अगर वह अपना व्यवहार नहीं बदलता है तो लोगों को उसका बहिष्कार करना चाहिए।