जानिए क्या है ब्रिक्स सम्मेलन जिसका मेजबान इस बार बना है भारत
गोवा। ब्रिक्स समूह, पांच देशों, भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका का एक संगठन जिसका मकसद दुनिया के बाकी देशों के साथ इन पांच देशों के बेहतर आर्थिक रिश्ते कायम करना है।
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एक बार फिर से ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस बार आंठवां ब्रिक्स सम्मेलन गोवा में आयोजित हो रहा है और भारत इसका मेजबान है।
इस
बार
ब्रिक्स
सम्मेलन
कई
मायनों
में
काफी
अहम
है।
इसकी
अहमियत
इस
वर्ष
इसलिए
और
भी
बढ़
गई
है
क्योंकि
इस
सम्मेलन
के
आयोजन
के
एक
माह
बाद
नवंबर
में
पाकिस्तान
की
राजधानी
इस्लामाबाद
में
सार्क
सम्मेलन
आयोजित
होना
था।
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अब वह आयोजित नहीं होगा। जहां भारत में रूस और चीन जैसी शक्तियों का मेला लगेगा तो वहीं पड़ोसी मुल्क में शांति कायम रहेगी।
ब्रिक्स से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं जिन्हें जानना आपके लिए काफी अहम हो जाता है। मसलन इस संगठन में शामिल सभी पांच देश जी-20 समूह का भी हिस्सा हैं। आइए आज आपको इसी सम्मेलन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताते हैं।
पांच देशों का समूह
BRICS पांच देशों का समूह है। इसमें Bका मतलब ब्राजील, R का मतलब रूस, I का मतलब इंडिया यानी भारत, C का मतलब चीन और S का मतलब साउथ अफ्रीका यानी दक्षिण अफ्रीका है। ब्रिक्स के ये सभी पांच देश जी-20 के भी सदस्य हैं। पांच देशों वाले इस समूह में वर्ष 2014 ब्राजील में हुए सम्मेलन में अर्जेंटीना को भी आमंत्रित किया गया था।
कब हुई इसकी शुरुआत
पहले ब्रिक्स समिट का आयोजन रूस के येकाटेरींबर्ग में 16 जून 2009 को किया गया था। इस समिट में शामिल पांच देशों के प्रमुख के तौर पर लूईज इनासियो, लूला दा सिल्वा, दीमित्री मेदवेदेव, मनमोहन सिंह और हू जिंताओं ने शिरकत की थी। उस समय रूस के राष्ट्रपति दीमित्री मेदवेदव ने इसकी मेजबानी की थी।
पहले था सिर्फ ब्रिक
वर्ष 2010 से पहले ब्रिक्स को सिर्फ ब्रिक के तौर पर जानते थे। उस वर्ष साउथ अफ्रीका ब्रिक का हिस्सा बना और फिर ब्रिक, ब्रिक से ब्रिक्स हो गया। 15 अप्रैल 2010 को आयोजित दूसरे ब्रिक्स सम्मेलन में साउथ अफ्रीका को पांचवें देश के तौर पर संगठन में शामिल किया गया था।
अब तक कहां-कहां हुआ आयोजन
गोवा में आंठवें ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन हो रहा है और इससे पहले सात बार ब्रिक्स का आयोजन दुनिया के अलग-अलग देशों में किया जा चुका है। जून 2009 में पहला ब्रिक्स सम्मेलन रूस के येकाटेरींबर्ग में, दूसरा ब्रिक्स सम्मेलन अप्रैल 2010 में ब्राजील के ब्रसाीलिया में, तीसरा ब्रिक्स सम्मेलन चीन के सान्या में, चौथा ब्रिक्स सम्मेलन मार्च 2012 में भारत की राजधानी दिल्ली में, पांचवां ब्रिक्स सम्मेलन साउथ अफ्रीका के डरबन में मार्च 2013 में, छठवां ब्रिक्स सम्मेलन जुलाई 2014 में ब्राजील के फोर्टलेजा में और सांतवां ब्रिक्स सम्मेलन रूस के उफा में आयोजित हुआ था।
शुरू हुआ ब्रिक्स बैंक
जब चौथा ब्रिक्स सम्मेलन भारत में हुआ तो यहां पर वर्ल्ड बैंक की तर्ज पर ही ब्रिक्स देशों के बैंक यानी ब्रिक्स बैंक को शुरू करने का विचार किया गया। वर्ष 2014 में जब छंठवां ब्रिक्स सम्मेलन हुआ तो इस बैंक को मंजूरी मिल गई। इसके बाद वर्ष 2015 में चीन के शहर शंघाई में ब्रिक्स बैंक के हेडक्वार्टर का ऐलान कर दिया गया। इस बैंक को न्यू डेवलपमेंट बैंक यानी एनडीबी के नाम से जानते हैं। भारत के केवी कामथ इसके पहले प्रेसीडेंट हैं। साउथ अफ्रीका के जोहांसबर्ग में इसका पहला रीजनल ऑफिस खोला जाएगा।
पाक को घेरेगा इस बार का ब्रिक्स
इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बनाई गई है। यह सम्मेलन इस बार भारत के लिए काफी अहम हो गया है। जहां एक तरफ पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन को कैंसिल कर दिया गया है तो वहीं भारत एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जहां पर रूस और चीन जैसे देश शिरकत करने आ रहे हैं। एक बार फिर से पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने की कोशिश भारत इस सम्मेलन के जरिए कर सकता है।