6 ऐसे काम: जो सऊदी अरब में नहीं कर पाती हैं महिलाएं
दुनिया में एक देश ऐसा भी जब आप उसके बारे में जानेंगे कि उस देश में अपनी घर की किसी भी महिला को वहां भेजने के बारे में भूल कर सोचेंगे तक नहीं।
नई दिल्ली। दुनिया में एक देश ऐसा भी जब आप उसके बारे में जानेंगे कि उस देश में अपनी घर की किसी भी महिला को वहां भेजने के बारे में भूल कर सोचेंगे तक नहीं। भले ही बहुत से लोग इस देश में नौकरी करने का ख्वाब देखते हों। पर यह देश महिलाओं के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। यहां की महिलाओं को ऐसे काम नहीं करने दिए जाते है जो भारत जैसे देश में आज करोड़ों महिलाएं बेधड़क कर रही हैं। ये देश है सऊदी अरब और यहां पर महिलाओं को ऐसे काम नहीं करने जाते हैं जिनके बारे में आप जाकर हैरान हो जाएंगे। हम बता रहे हैं वो छह काम जो सऊदी अरब में महिलाएं बिल्कुल नहीं कर पाती हैं। सऊदी अरब में ऐसे कानून के खिलाफ अब महिलाओं ने आवाज उठाना भी शुरु कर दिए हैं।
कार चलाने की है मनाही
पूरी दुनिया में जहां महिलाएं अपनी आजादी का फर्राटा भर रही हैं। वहीं उस आजादी की रफ्तार सऊदी अरब आते-आते कम हो जाती है। क्योंकि सऊदी अरब में रहने वाली महिलाओं को कार चलाने का ही अधिकार नहीं हैं। सऊदी अरब में शरीयत कानून लागू है और इस कानून के चलते महिलाओं को कार चलाने क आजादी नहीं है। वर्ष 2011 में वीमेनटूड्राइव अभियान के तहत इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई गई थी। इस कानून को लेकर सोशल मीडिया साइट पर वीडियो और फोटो के जरिए व्यापक अभियान भी शुरु किया गया। पर इस अभियान को सफलता नहीं मिल पाई है। अभी पिछले दिनों सऊदी अरब के एक राजकुमार ने भी इस कानून को खत्म कर महिलाओं को कार चलाने की आजादी देने की मांग की है।
कपड़े और मेकअप करने पर पाबंदी
सऊदी अरब में कट्टरता का यह आलम है कि वहां पर महिलाओं को कपड़े और मेकअप करने को लेकर भी कानून लागू किया जा चुका है। वहां महिलाओं को सख्त हिदायत दी गई है कि ऐसे कपड़े और मेकअप करें जिसके चलते कम से कम सुदंरता दिखे। उनके कपड़े पहनने को लेकर भी वहां पर नियम जारी हैं। अब इस नियम को सऊदी अरब के समाचार चैनलों में लागू करने कर दिया गया है। समाचार चैनलों में काम करने वाली महिलाओं को सख्त हिदायत दी गई कि ऐसे कपड़े उन्हें पहनने चाहिए जिससे सुंदरता का बखान न हो।
पुरुषों से बातचीत करने पर पाबंदी
सऊदी अरब में महिलाओं का किसी गैर पुरुष से बातचीत करने पर भी पाबंदी है। सऊदी अरब में स्थित बैंक, यूनिवर्सिटी, सरकारी इमारतों और ऑफिसों में महिलाओं और पुरुषों के लिए आने-जाने के अलग-अलग रास्ते हैं। यही हाल सऊदी अरब के अधिकतर स्थानों पर पार्क, समुद्र किनाारे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी महिलाओं पर यह नियम लागू होते हैं। अगर नियम तोड़ते हुए पाया जाता है तो महिलाओं और पुरुष दोनों को सजा दी जाती है। पर महिलाओं की सजा पुरुषों की तुलना में ज्यादा खतरनाक होती है।
पब्लिन स्वीमिंग पुल में नहीं जा सकती महिलाएं
पब्लिक स्वीमिंग पुल में सऊदी अरब की महिलाएं नहीं जा सकती हैं। पब्लिक स्वीमिंग पुल में सिर्फ पुरुष ही जा सकते हैं। महिलाओं को सिर्फ अपने जिम, प्राइवेट स्वीमिंग पुल और स्पा में जाने की इजाजत है। महिलाएं वहीं पर उसका लुफ्त उठा सकती हैं। एक विदेशी न्यूज एजेंसी की संपादक ने जब एक ऐसे स्वीमिंग पुल में जाने की इजाजत मांगी जिसमे पुरुष थे। तो उनको वहां नहीं जाने दिया गया। साथ ही यह भी हिदायत दी गई कि आप पुरुषों को स्वीमिंग सूट में भी नहीं देख सकती हैं।
खेलों में भाग लेने पर पाबंदी
पिछले साल सऊदी अरब ने अपने यहां बिना महिलाओं को ओलपिंक गेमों को कराए जाने का प्रस्ताव दिया था। पहली बार लंदन ओलपिंक गेम्स में सऊदी अरब ने महिला एथलीट को भाग लेने के लिए अनुमति प्रदान की थी। पर सऊदी अरब के कट्टरपंथियों ने उस महिला एथलीट को वेश्या बता दिया था। इस ओलपिंक गेम में उस सऊदी महिला एथलीट को अपने पुरुष अभिभावक के साथ जाना पड़ा था और उसे बाल ढक कर दौड़ना पड़ा था।
कब्रिस्तान में जाने और फैशन मैगजीन पढ़ने पर प्रतिबंध
सऊदी अरब में अरब में महिलाओं को कब्रिस्तान में जाने और फैशन मैगजीन पढ़ने तक पर प्रतिबंध लगा हुआ है। सऊदी अरब का कट्टर शरीयत कानून वहां पर रहने वाली महिलाओं की आजादी का सबसे बड़ा रोड़ा है। इस कानून के चलते वहां की महिलाएं चाहकर भी आगे नहीं निकल पा रही हैं। पिछले दिनों 13000 से ज्यादा सऊदी अरब की महिलाओं ने ऑनलाइन याचिका दाखिल कर ऐसे कानूनों को खत्म करने की मांग सऊदी अरब सरकार से की है।