इराक के दबाव में आ गए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कर दिया बैन देशों की लिस्ट से बाहर!
10 फरवरी को हुई थी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हैदर-अल-अबादी की फोन पर बात। फिर 18 फरवरी अबदी ने की थी अमेरिकी उप-राष्ट्रपति माइक पेंस से म्यूनिख में मुलाकात।
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक नया एग्जिक्यूटिव ऑर्डर साइन किया और फिर से मुसलमान देशों से आने वाले लोगों पर बैन लगा दिया। लेकिन हैरानी की बात थी इस बार ट्रंप की बैन लिस्ट में इराक का नाम नहीं था। अमेरिकी अधिकारियों की मानें तो इराक की सरकार ने जमकर लॉबिंग की और ट्रंप ने इराक को इस लिस्ट से बाहर कर दिया।
लगातार बनाया जा रहा था दबाव
ओवल ऑफिस में ट्रंप ने जो नया ऑर्डर साइन किया है उसमें सीरिया, सूडान, लीबिया, इरान और यमन का नाम है। ट्रंप ने 27 जनवरी को जो आदेश साइन किया था उस पर अमेरिका में कानूनी लड़ाई जारी है। आपको जानकर हैरानी होगी इराक के अधिकारी लगातार ट्रंप पर इराक को लिस्ट में से बाहर करने पर दबाव डाल रहे थे। एक नजर डालिए उन पांच वजहों पर कि आखिर क्यों इराक इस बैन लिस्ट से बाहर है।
इराकी पीएम का दबाव
इराक के अधिकारी 27 जनवरी को एग्जिक्सयूटिव ऑर्डर के आने के बाद से लगातार ट्रंप पर दबाव बना रहे थे। ट्रंप और इराकी पीएम हैदर-अल-अबादी के बीच 10 फरवरी को टेलीफोन पर बात हुई थी। इसके अलावा म्यूनिख में 18 फरवरी को उप-राष्ट्रपति माइक पेंस और अबादी की बातचीत हुई। इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलीरसन और इराक सरकार के सदस्यों के बीच उन तरीकों पर चर्चा हुई जिसमें इराक से अमेरिका आने वाले संदिग्ध आतंकियों को रोकने के लिए कड़ी जांच प्रक्रिया की बात कही गई थी।
आईएसआईएस भी एक वजह
हैरानी की बात है जो आईएसआईएस अमेरिका के लिए खतरा है उसकी वजह से ही इराक को इस बैन लिस्ट में जगह नहीं मिली है। ट्रंप पर कुछ अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी लगातार दबाव बना रहे थे कि वह इराक को इस लिस्ट से बाहर कर दें क्योंकि इराक में इस समय अमेरिकी सेनाएं आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। इराक आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का अहम साथी है और जो लोग इराक को बाहर करने की बातें कर रहे थे उसमें ओबामा प्रशासन से जुड़े अधिकारी भी शामिल थे।
विदेश मंत्री टिलीरसन का अहम रोल
इराक को लिस्ट से बाहर करने के बाद विदेश मंत्री रेक्स टिलीरसन काफी खुश हैं। उन्होंने इराक को अमेरिका का एक अहम साथी करार दिया है। उनका मानना है कि इराक की सरकार उन अमेरिकी नियमों को मानेगी जिसके तहत अपराधीऔर आतंकवादियों के अमेरिका आने पर रोक लग सकेगी। वहीं इराक के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है कि ट्रंप के इस फैसले के बाद इराक और अमेरिका के रिश्ते और मजबूत हो सकेंगे।
इराक ने किया एक वादा
होमलैंंड सिक्योरिटी के अधिकािरियों की मानें तो कई राउंड बात चलने के बाद ट्रंप ने इराक को बाहर रखने का फैसला किया। कहा जा रहा है कि पिछले माह ही ट्रंप ने फैसला कर लिया था कि लिस्ट से इराक को बाहर कर दिया जाएगा। इराक की सरकार ने वादा किया है कि वह हर तरीके से अमेरिकी सरकार का सहयोग करेगी।
हमीद दरवाइश अमेरिकी सेना के ट्रांसलेटर
हमीद दरवाइश वह इराकी व्यक्ति जिसने इराक में कई दिन अमेरिकी सेना के साथ बतौर इराकी ट्रांसलेटर इराक की मुश्किल इलाकों में कई दिन बिताए, उन्हें ट्रंप का पहला ऑर्डर आने के बाद एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था। हमीद ने उस समय राष्ट्रपति ट्रंप, उनकी नीतियों और अमेरिका की खुलकर तारीफ की थी। कहा जा रहा है कि हमीद की वजह से भी ट्रंप ने अपना फैसला बदला था।