अगर हुए ब्रिटेन में मध्यावधि चुनाव तो 13 भारतीय भी होंगे मैदान में
अगर जून में ब्रिटेन में फिर से चुनाव होते हैं तो लेबर पार्टी ने 13 भारतीयों को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है। पीएम थेरेसा मे ने ऐलान किया था कि की है कि वह संसद से चुनावों की सिफारिश करेंगी।
लंदन। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने पिछले दिनों ऐलान किया था कि की है कि वह संसद से आम चुनाव कराने की सिफारिश करेंगी। वर्ष 2015 ही ब्रिटेन में चुनाव हुए हैं और उन चुनावों में कंजरवेटिव सरकार को जीत मिली थी। इस सरकार का कार्यकाल वर्ष 2020 तक था। अगर जून में ब्रिटेन में फिर से चुनाव होते हैं तो लेबर पार्टी ने 13 भारतीयों को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है।
कौन हैं वे 13 लोग
इन 13 लोगों में सबसे ऊपर नीरत पाटिल का नाम है। नीरज एक डॉक्टर हैं और उनकी मदद से ही ब्रिटेन की संसद में 12वीं सदी के दार्शनिक बसावेश्वर की मूर्ति लग सकी थी। इस मूर्ति का उद्धाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2015 में अपने ब्रिटेन दौरे पर किया था। पाटिल कर्नाटक के गुलबर्गा यूनिवर्सिटी से स्नाकत हैं और वर्ष 1993 में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद वह ब्रिटेन चले गए थे। लेबर पार्टी में 14 भारतीय नाम हैं जिन्होंने 2015 के चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई थी। इनमें से कीथ वाज, वालेरी वाज, सीमा मल्होत्रा, लीजस नंदी और वीरेंद्र शर्मा ने चुनावों में जीत हासिल की थी। इन्हीं नामों को एक बार फिर चुनावों के लिए तय किया गया है। इनके अलावा जो आठ नाम और हैं उनमें से नीरज पाटिल, रोहित दासगुप्ता, हितेश टेलर, नवीन शाह, नवेंदु मिश्रा, तनमनजीत सिंह देहसी, कुलदीप सिंह साहोटा और मनजिंदर कांग शामिल हैं।
पीएम ने की थी फिर से चुनाव की वकालत
पीएम थेरेसा मे ने अप्रैल में कहा था कि हमारा इरादा है कि सरकार को आम चुनाव बुलाना चाहिए। ब्रिटेन को स्थायित्व चाहिए। ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से बाहर रहा है और इस फैसले को बदला नहीं जा सकता है। थेरेसा मे ने यह घोषणा कैबिनेट की मीटिंग के बाद की है। आपको बता दे कि हाल ही में थेरेसा मे ने ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से अलग करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू करने से संबंधित आदेश पर साइन कर दिए हैं। ब्रिटेन के 'फिक्स्ड टर्म पार्लियामेंट्स एक्ट' के अनुसार, ब्रिटेन में आम चुनाव हर पांच साल बाद मई के महीने में कराए जाते हैं और अगला चुनाव 2020 में होना था।अगर हाउस ऑफ कॉमन्स में दो तिहाई सासंद इस बात पर सहमत हो जाते हैं तो चुनाव पहले कराए जा सकते हैं। जेरेमी कोर्बिन पहले ही संकेत दे चुके हैं कि लेबर पार्टी ऐसे किसी भी कदम का समर्थन करेगी।