संसद के परिसर में ही नहीं पहुंचा पीएम मोदी का ये संदेश,कैसे सुने पूरा देश
पीएम मोदी ने कैशलेस इकॉनमी और डिजिटल ट्रांजेक्शन की शुरूआत करने की बात कही है लेकिन संसद में ही ऐसा नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय लोकतंत्र के मंदिर, संसद में भी नकदी की बड़ी दिक्कत है। नकदी की विकट समस्या से संसद परिसर में स्थित कैंटीन, चाय के वेंडर्स और सुवेनियर बेचने वालों को काफी दिक्कत हो रही है।
इतना ही नहीं एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर कदम बढ़ाएं और अपने मोबाइल फोन से किराना के दुकानों पर पेमेंट करें वहीं ऐसा लग रहा है कि पीएम मोदी का यह संदेश संसद तक नहीं पहुंचा।
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नहीं बिक रहे हैं सुवेनियर
परिसर में लगे हुए कुछ एटीएम में भी पैसे नहीं है। बताया गया कि 8 नवंबर को 500 और 1,000 के करेंसी नोट के विमुद्रीकृत होने के बाद राज्य सभा में सुवेनियर घड़ी, पेन, फोल्डर की बिक्री करने वाले काउंटर पर इन सामानों की बिक्री में खासा गिरावट आई है।
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आउटलेट स्टाफ के अनुसार एक सत्र के दौरान 4,000 से 5,000 रुपए तक के सुवेनियर बिक जाती थी लेकिन अब बिक्री 1,000 रुपए तक सीमित हो गई है।
स्टाफ में से एक ने बताया कि संभवतः लोगों के पास खर्च करने के लिए कैश नहीं होगा। यहां तक कि हमारे पास भी छुट्टे के लिए पैसे नहीं है। वहीं नकदी की दिक्कत के बाद भी बिक्री में आई कमी की एक वजह यह भी है कि वहां डिजिटल ट्रांजेक्शन की सुविधा नहीं है
यहां के सुवेनियर सेल काउंटर पर ई-पेमेंट स्वीकार नहीं किया जा रहा है। सुवेनियर सेल काउंटर के एक सेल्समैन ने बताया कि हम ई-पेमेंट एक्सेप्ट नहीं कर रहे हैं। हमें छुट्टा दें, खास तौर से छोटे नोट।
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कैंटीन में भी नहीं स्वीकार किए जा रहे हैं ई-पेमेंट
यही हालात कैंटीन की भी है, जहां ई-पेमेंट स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। एक टी-वेंडर ने कहा कि ई-पेमेंट लेने के लिए कहीं कोई सेट-अप नहीं है।
जब उन्हें ये बताया गया कि ई-पेमेंट के उन्हें सिर्फ फ्री एप डाउनलोड करना होगा, तो टी वेंडर ने कहा कि हम ये करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। जब लोकसभा स्पीकर का यह आदेश आएगा कि हम मोबाइल फोन के जरिए पेमेंट लें तो हम यह कर सकते हैं।