मोहन भागवत के एक फोन की वजह से CM पद की रेस से बाहर हुए मनोज सिन्हा, योगी को मिला ताज
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार सुबह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। उन्होंने पहले मोदी से वादा लिया कि वह जो मांगेंगे उन्हें देना पड़ेगा और पीएम ने हामी भर दी।
नई दिल्ली। योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री चुने जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का दौर जारी है। सीएम पद के कई मजबूत दावेदारों को पीछे छोड़कर योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी के पीछे वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत के बीच हुई बातचीत है। सब कुछ तय होने के बावजूद ऐन वक्त पर संघ प्रमुख के एक फोन पर यूपी के सीएम का चेहरा बदल दिया गया।
मनोज सिन्हा ऐन वक्त पर हुए बाहर
संघ के करीबी सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री के लिए मनोज सिन्हा के नाम पर मुहर लग चुकी थी। उनके पास 225 विधायकों का समर्थन भी था। अपनी कुर्सी पक्की मानकर मनोज सिन्हा बाबा विश्वनाथ, काल भैरव और संकटमोचन मंदिर में हाजिरी भी लगा आए, लेकिन ऐन वक्त पर बाजी पलट गई। 17 मार्च की रात से ही मनोज सिन्हा का नाम सबसे आगे चल रहा था और उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो चुका था, लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत के एक फोन पर वह रेस से बाहर हो गए। READ ALSO: CM चुने जाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने जारी किया पहला आदेश
संघ की बात को टाल रहे थे अमित शाह
कहा जा रहा है कि शुक्रवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और संघ पदाधिकारी डॉ. कृष्णा गोपाल के बीच यूपी के मुख्यमंत्री को लेकर मीटिंग हुई। जिसमें उन्होंने अमित शाह के सामने मनोज सिन्हा के बजाय योगी का नाम रखा। हालांकि अमित शाह ने मना कर दिया। रात का समय होने की वजह से अमित शाह ने सुबह प्रधानमंत्री मोदी को फोन करके बातचीत करने की बात कही। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। संघ को जब लगा कि अमित शाह योगी को लेकर गंभीर नहीं हैं तो फोन सीधे पीएम मोदी के पास किया गया।
मोहन भागवत ने खुद किया मोदी को फोन
सूत्रों के मुताबिक, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार सुबह खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया। उन्होंने पहले मोदी से वादा लिया कि वह जो मांगेंगे उन्हें देना पड़ेगा। मोदी ने हामी भरी तो भागवत ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही। मोदी ने भागवत की बात रखते हुए बाजी पलट दी। भागवत से बातचीत के बाद मोदी ने खुद अमित शाह को फोन किया और योगी को तत्काल चार्टर प्लेन से दिल्ली बुलाने के लिए कहा। योगी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मीटिंग हुई। लंबी बातचीत के बाद योगी जब वहां से निकले तो मुख्यमंत्री पद के साथ लखनऊ के लिए रवाना हुए।
इसी वजह से बनाए गए दो डिप्टी सीएम
योगी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कमान अपने हाथ में रखने के लिए दो डिप्टी सीएम बना दिए। ताकि अगर योगी आदित्यनाथ कोई भी गड़बड़ी करें तो वे तुरंत उन पर कंट्रोल कर सकें। सूत्रों का यह भी कहना है कि संघ ने मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के मामले में भी बीजेपी नेतृत्व की बातों को दरकिनार किया था। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मोदी की छवि की वजह से उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मानता था, लेकिन संघ ने लगातार दो आम चुनावों में हार का हवाला देते हुए रिस्क न लेने की बात कही और मोदी को आगे किया था।
अमित शाह ने टाला था केशव मौर्य का नाम
यूपी में मुख्यमंत्री पद के लिए पहले केशव मौर्य का नाम आगे था। उनका सीएम बनना तय माना जा रहा था लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनकी छवि पर उठे सवालों की वजह से इसे मंजूरी नहीं दी। शाह का कहना था कि केशव मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही उनके दागी होने को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार हमलावर रही हैं। ऐसे में उन्होंने खुद मौर्य को मुख्यमंत्री न बनाकर उनसे योग्य उम्मीदवार तलाशने के लिए कहा था।