आखिर आप में कौन सच्चा और कौन झूठा?
नई दिल्ली| आम आदमी पार्टी (आप) के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और उनके गुट पर अनैतिकता और उनका समर्थन करने वाले पार्टी के सदस्यों को पीटने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर केजरीवाल और उनके गुट ने कब्जा कर लिया है। गौरतलब है कि यादव और भूषण को शनिवार को आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटा दिया गया है।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यादव और भूषण ने कहा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उनकी बात सुने बिना ही उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने का प्रस्ताव पास कर दिया गया। यादव ने कहा, "हमारे यहां पहुंचते ही 'मुर्दाबाद' के नारे लगाए गए।" उन्होंने बताया कि कुछ चुनिंदा लोगों को ही बैठक में जाने की अनुमति दी गई।
जबकि आप की ओर से इन सारी बातों को नकार दिया गया है और उन्होंने सीधे तौर पर प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव को गलत ठहरा दिया है।
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यादव-भूषण को बाहर निकाला
आज पार्टी के संस्थापक सदस्य यादव तथा प्रशांत को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। जिसके बाद दोनों ने कहा कि बैठक के दौरान आप सदस्यों ने गुंडों की तरह व्यवहार किया और उन्हें निकालने के लिए प्रस्ताव का विरोध करने का प्रयास करने वालों को पीटा गया।
21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हुए बाहर
यादव के समर्थक आनंद कुमार व अजीत झा को भी आप की 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर निकाल दिया गया। यह पार्टी का शीर्ष विधायी निकाय है, जो राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी की गतिविधियों का समन्वय करती है।
'गद्दारों को बाहर निकालो'
यादव ने कहा कि बैठक से पहले पार्टी के संयोजक तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भाषण के दौरान लगभग 10 लोग खड़े हो गए और 'गद्दारों को बाहर निकालो' का नारा लगाने लगे। यादव ने कहा कि दो बाउंसरों ने आप के दोनों सदस्यों के समर्थक रमजान चौधरी को खींच लिया और उनकी पिटाई की।
'बाउंसरों ने मुझे पीटा'
रमजान चौधरी ने कहा, "मैं बैठक में केवल चर्चा की मांग कर रहा था, जिसपर बाउंसरों ने मुझे पीटा। मेरी हड्डियां भी टूट गई हैं।"
'न कोई हिंसा हुई और न ही बैठक में बाउंसर थे'
आप ने हालांकि दोनों सदस्यों के दावे को खारिज किया और कहा कि बैठक शांतिपूर्ण रही। आप ने कहा, "न कोई हिंसा हुई और न ही बैठक में बाउंसर थे। बैठक पूरी तरह शांतिपूर्ण रही।"पार्टी नेता संजय सिंह ने बैठक में हिंसा के आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि ये पूरी तरह निराधार और झूठी कहानियां हैं।