मेमन की फांसी- SC के डिप्टी रजिस्ट्रार के इस्तीफे का सच
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) अनूप सुरेन्द्रनाथ उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने याकूब मेमन को बचाने की मुहिम के सिलसिले राष्ट्रपति के पास याचिका पर हस्ताक्षर किए थे। अनूप इंडियन लॉ यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और वहां डेथ पेनाल्टी रिसर्च वर्क के डायरेक्टर हैं।
पिछले साल मई में एक साल के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर डेपुटेशन पर आये थे। इनका पद डिप्टी रजिस्ट्रार भले ही हो, काम रिसर्च असिस्टेंट का ही था। इनका एक साल मई में ही पूरा हो गया था। और ये पिछले कुछ दिनों से रिलीव किये जाने का इंतजार कर रहे थे।
पैरवी की थी
न्यूज 24 के लीगल रिपोर्टर प्रभाकर मिश्र ने बताया कि अनूप ने ही देश के जाने माने वकील टी आर अध्यर्जुना को याकूब की पैरवी के लिए हायर किया था। और न केवल दोनोँ दिन की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद थे बल्कि आधी रात वाली ऐतिहासिक सुनवाई के समय भी मौजूद थे।
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फांसी का जिक्र नहीं
अनूप ने अपने इस्तीफे के पत्र में कहीं भी याकूब के फांसी का जिक्र नहीं किया है। इस्तीफे की वजह व्यक्तिगत कारण बताया है। अगर याकूब की फांसी इस्तीफे की वजह होती तो जिक्र जरूर करते! लेकिन अनूप सुरेन्द्रनाथ 'बुद्धिजीवी' हैं अच्छी तरह जानते हैं कि जहाँ याकूब के इतने बड़े बड़े पैरोकार बैठे हों इनको अलग पहचान कैसे मिलेगी! ... और वो पहचान मिल गयी! एक रिसर्च असिस्टेंट के 'इस्तीफे' की खबर ऐसे चली/ छपी मानो किसी ' दो सदस्यीय बेंच' के जज ने याकूब के लिए इस्तीफा दे दिया हो।