अब कामकाजी महिलाओं के लिए 26 हफ्तों की मैटेरनिटी लीव का नियम, जानिए नए कानून की खास बातें
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मातृत्व अवकाश संबंधी बिल पर किए साइन जिसके बाद अब भारत में मां बनने वाली महिलाओं को मिलेगी 26 हफ्तों की पेड मैटेरनिटी लीव।
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उस बिल पर साइन कर दिए हैं जिसके तहत मां बनने वाली भारतीय महिला कर्मियों के लिए 26 हफ्तों की पेड मैटेरनिटी लीव की गुजारिश की गई थी। राष्ट्रपति के साइन के बाद अब देश में महिला कर्मियों के लिए नया कानून बन गया है। इस नए कानून के तहत कंपनियां महिला कर्मियों को 26 हफ्तों की छुट्टियां देने के लिए बाध्य होंगी और इस दौरान उनकी सैलरी नहीं कटेगी। पहले यह छुट्टियां सिर्फ 12 हफ्तों की ही थी।
कनाडा और नॉर्वे के बाद अब भारत
राष्ट्रपति ने मैटेरनिटी बेनेफिट (एमेंडमेंड) एक्ट 2017 को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद देश में महिला कर्मियों के लिए पिछले 55 वर्ष पुराने कानून को बदल दिया गया है। इस नए कानून से देश की करीब 1.8 मिलियन महिला कर्मियों को फायदा मिल सकेगा। नया कानून में वर्ष 1961 के एक्ट में बदलाव किए गए हैं। नौ मार्च को लोकसभा और 20 मार्च को राज्यसभा में यह बिल पास हुआ था। भारत अब मैटेरनिटी लीव के लिहाज से दुनिया का तीसरा ऐसा देश है जहां पर इतनी संख्या में मैटेरनिटी लीव मिल सकेगी। भारत से पहले कनाडा है जहां पर 50 हफ्तों की और फिर नॉर्वे का नंबर आता है जहां पर 44 हफ्तों की मैटेरनिटी लीव मिलती है।
जानिए नए कानून की सारी बातें
- नए कानून के तहत हर कंपनी को जहां पर महिला कर्मियों की संख्या 55 से ज्यादा है, उस कंपनी को एक तय दूरी पर क्रच की सुविधा भी देनी होगी।
- साथ ही कंपनी अपनी महिला कर्मी को एक दिन में चार बार इस क्रच में जाने की मंजूरी देने के लिए बाध्य होगा।
- हर कंपनी को महिला कर्मी की शुरुआती नियुक्ति के दौरान ही उसे लिखित और ई-मेल के जरिए नए कानून के बारे में बताना होगा।
- अगर कोई महिलाकर्मी मैटेरनिटी लीव्स लेने के बाद भी घर से काम करना चाहती है तो भी कंपनी को इसकी मंजूरी देनी होगी।
- नए कानून के तहत, 'अगर किसी महिलाकर्मी को कोई काम दिया गया है जो घर से हो सकता है तो फिर वह महिला घर से ही काम कर सकती है।'
- नए कानून के तहत अब उन महिलाओं को भी 12 हफ्तों की मैटेरनिटी लीव मिलेगी जिन्होंने तीन माह से कम उम्र के बच्चे को गोद लिया है।
- साथ ही उस महिला को भी छुट्टी देनी होगी जो बच्चे की बॉयोलॉजिकल मां है और जिसके बच्चे का जन्म दूसरी महिला का गर्भ प्रयोग कर हुआ हो।
- 26 हफ्तों की यह मैटेरनिटी लीव किसी भी महिला को उसके सिर्फ पहले दो बच्चों के जन्म के समय ही मिल सकेगी।
- कोई भी महिला जिसके दो या इससे ज्यादा बच्चे हैं उसे केवल 12 हफ्तों की ही मैटेरनिटी लीव मिल सकेगी।
- 12 हफ्तों का यह नियम उन कंपनियों पर होगा जहां पर 10 से ज्यादा लोग काम करते हैं।