उत्तर प्रदेश और बिहार में सुरक्षित नहीं हैं महिलाएं
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार देश के उन राज्यों में से हैं जहां पर महिलाओं की हालत दिन पर दिन बदतर होती जा रही है। वहीं जम्मू कश्मीर भी अब इसी रास्ते पर है और यह आंकड़ें जारी किए गए हैं इंडियास्पेंड की ओर से। इस रिपोर्ट में देश के कुछ और राज्यों में महिलाओं की हालत के बारे में ब्यौरा दिया गया है।
हर तरफ महिलाओं के लिए मुसीबत
देश के इन राज्यों में बेटियों को गर्भ में मार दिया जाता है, उनकी साक्षरता दर भी सबसे कम है, उनकी शादी जल्दी करा दी जाती है और अक्सर उनकी मृत्यु कभी प्रजनन के समय तो कभी ज्यादा बच्चों को जन्म देने की वजह से हो जाती है। इसके अलावा इन राज्यों में महिलाओं को मिलने वाली रोजगार की स्थिति भी काफी खराब है।
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376 मिलियन की जनसंख्या वाले तीन राज्य
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार की कुल जनसंख्या 376 मिलियन है और यह आंकड़ां अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की कुल जनसंख्या के बराबर है। यह रिपोर्ट वर्ष 2014 में हुए एक सैंपल सर्वे पर आधारित है जिसे जून 2016 में रिलीज किया गया है।
रिपोर्ट में वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अलावा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरों के आंकड़ों को शामिल किया गया है। एक नजर इस रिपोर्ट की कुछ खास बातों पर।
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महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध
- उत्तर प्रदेश में हर 15 मिनट में 38,467 अपराध महिलाओं के खिलाफ दर्ज हुए।
- पश्चिम बंगाल में यह आंकड़ा 38,229 और राजस्थान में 31,151 अपराध दर्ज हुए।
- हालांकि प्रति 100,000 महिलाओं पर अपराध के मामले में दिल्ली सबसे ऊपर है।
- दिल्ली में 169.6 की दर से महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज हुए।
- असम में 123.4 और राजस्थान में 91.4 की दर से अपराध हुए।
- उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की दर 38.4 और बिहार में 31.3 है।
- सितंबर 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 26 अपराध होते हैं।
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शादी में रहती है जल्दी
- पश्चिम बंगाल देश का वह राज्य है जहां पर कम उम्र में महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है।
- यहां 19.3 वर्ष की उम्र में ही लड़कियों की शादी हो जाती है।
- उत्तर प्रदेश और राजस्थान नंबर दो पर आते हैं।
- दोनों ही राज्यों में 19.4 वर्ष की आयु में ही महिलाओं की शादी करा दी जाती है।
- उत्तर प्रदेश में 10 वर्ष से लेकर 19 वर्ष की शादीशुदा लड़कियों की संख्या सबसे ज्यादा यानी 2.1 मिलियन है।
- उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में आंकड़ां करीब 1.3 मिलियन है।
- बिहार में 1.25 मिलियन लड़कियों की शादी 10 से 19 वर्ष के बीच हो जाती है।
- वहीं राजस्थान में हर चार में से एक महिला की शादी 18 वर्ष से पहले हो जाती है।
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मां की मृत्यु के मामले में आगे राज्य
- मातृ मुत्यु दर के मामले उत्तर प्रदेश सबसे आगे है।
- यहां पर 27.8 वर्ष की उम्र में महिला की मौत हो जाती है।
- उत्तर प्रदेश के बाद 23.9 के आंकड़ें के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर है।
- राजस्थान के बाद बिहार और झारखंड 21.4 आंकड़ें के साथ तीसरे नंबर पर है।
प्रजनन के मामले में
- प्रजनन अवधि के मामले में औसत अवधि 6.6 वर्ष है।
- उत्तर प्रदेश में ये आंकड़ा 10 वर्ष है।
- 9.2 वर्ष के साथ राजस्थान दूसरे नंबर पर है।
- 9.1 वर्ष के साथ बिहार तीसरे नंबर पर है।
- राजस्थान और बिहार में प्रजनन दर 3.99 और 3.97 है।
- औसत भारतीय प्रजनन दर 3.3 है।
- शिक्षा के विकास के साथ औसत जन्मदर में गिरावट हुई है।
- ग्रेजुएट और इससे ज्यादा शिक्षित महिलाओं में प्रजनन दर 1.9 है।
- जबकि अशिक्षित महिलाओं में यह आंकड़ा 3.8 है।
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साक्षरता दर
- बिहार में महिलाओं की साक्षरता दर सिर्फ 51 प्रतिशत है।
- 52.1 प्रतिशत के साथ राजस्थान दूसरे नंबर है।
- 55.4 प्रतिशत के साथ झारखंड तीसरे नंबर पर।
- 56.4 प्रतिशत के साथ उत्तर प्रदेश चौथे नंबर पर है।
महिलाओं को रोजगार
- बिहार में प्रति 1,000 काम करने वाली महिलाओं में से सिर्फ 90 महिलाओं को ही कोई अहम पद।
- उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 253 और राजस्थान में 453 है।
- राष्ट्रीय औसत 331 है और ऐसे में राजस्थान सबसे ऊपर है।
चाइल्ड सेक्स रेश्यिो
- हरियाणा देश का सबसे खराब राज्य है जहां पर 0-6 वर्ष के एज ग्रुप में 1000 लड़कों पर 834 लड़कियां ही हैं।
- 846 के साथ पंजाब दूसरे नंबर पर है और 862 के आंकड़ें के साथ जम्मू कश्मीर तीसरे नंबर पर है।
- राजस्थान में यह आंकड़ां 888 है।
- अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो यह आंकड़ां 902 है।