परफॉर्मेंस अप्रेजल में IT कंपनी विप्रो ने 600 कर्मचारियों को बाहर निकाला
इस बात की चर्चा थी कि कंपनी 2000 कर्मचारियों को बाहर कर सकती है। दिसंबर 2016 के अंत में बंगलुरु की कंपनी में 1.79 लाख से ज्यादा कर्मचारी थे।
बेंगलुरु। देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो ने परफॉर्मेंस अप्रेजल के आधार पर सैकड़ों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। अप्रेजल के मौके पर कंपनी ने परफॉर्मेंस सही न होने का हवाला देकर करीब 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है।
दिसंबर
में
थे
1.79
लाख
कर्मचारी
सूत्रों
के
मुताबिक,
इस
बात
की
चर्चा
थी
कि
कंपनी
2000
कर्मचारियों
को
बाहर
कर
सकती
है।
दिसंबर
2016
के
अंत
में
बेंगलुरु
की
कंपनी
में
1.79
लाख
से
ज्यादा
कर्मचारी
थे।
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क्या
होगा
प्लान
हर
साल
अलग-अलग
होती
है
संख्या
कर्मचारियों
को
निकाले
जाने
के
संबंध
में
जब
विप्रो
से
बात
की
गई
तो
कंपनी
ने
कहा,
'परफॉर्मेंस
आधारित
अप्रेजल
की
प्रक्रिया
रेगुलर
चलती
रहती
है।
यह
कंपनी,
बिजनेस,
प्लानिंग
और
क्लाइंट
की
जरूरतों
के
आधार
पर
तय
होता
है।
परफॉर्मेंस
आधारित
अप्रेजल
के
चलते
कुछ
कर्मचारी
कंपनी
से
अलग
करने
पड़
सकते
हैं
और
यह
संख्या
हर
साल
अलग-अलग
होती
है।'
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युग
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अंत:
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इससे
कैसे
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को
मिलेगी
मदद
हालिया एक्शन को लेकर जब कंपनी से सवाल किया गया तो कोई जवाब नहीं मिला। कंपनी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि कितने कर्मचारियों को बाहर किया गया है। कंपनी 25 अप्रैल को अपनी सालाना रिपोर्ट रखेगी।
वीजा
पॉलिसी
बदलने
का
भी
असर
बड़ी
संख्या
में
कर्मचारियों
को
निकाले
जाने
का
मामला
ऐसे
वक्त
में
सामने
आया
है
जब
अमेरिका,
सिंगापुर,
न्यूजीलैंड
और
ऑस्ट्रेलिया
जैसे
देशों
ने
वीजा
नियमों
में
बड़े
बदलाव
किए
हैं।
नियमों
में
बदलाव
की
वजह
से
आईटी
कंपनियों
को
नुकसान
झेलना
पड़
रहा
है
क्योंकि
कंपनियां
अस्थायी
वीजा
लेकर
कर्मचारी
को
क्लाइंट
के
पास
भेज
देती
हैं।
वीजा
के
नियम
बदलने
से
अब
कंपनियों
के
लिए
मुश्किल
हो
रही
है।