गणतंत्र दिवस समारोह के बाद काशी भी जायेंगे बराक ओबामा!
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा की आगामी माह होने वाली भारत यात्रा के साथ ही अब इस बात की संभावनाएं प्रबल होती दिख रही हैं कि वे काशी भी जाएंगे। इन संभावनाओं को बल इसलिए मिला क्योंकि अमेरिकी राजदूत कैथलिन स्टीफेन आज यहां पर ही हैं। वे शनिवार से काशी में पहुंची हुई हैं। वे काशी में तमाम लोगों से मिल रही हैं।
कहा जा रहा है कि कैथलिन अब अपनी सरकार को रिपोर्ट देंगी कि ओबामा को काशी जाना चाहिए अथवा नहीं। उनके साथ अमेरिकी दूतावास के सुरक्षा मामलों के एक्सपर्ट भी आए हुए हैं।
काशी में ओबामा
जानकारों का कहना है कि प्रधानमंत्री की चाहत है कि ओबामा कुछ समय के लिए काशी को देखें। ओबामा के काशी के कार्यक्रम पर जल्दी कोई फैसला होगा।
बनारसी साड़ियों की कायल
बहरहाल, अमेरिकी राजदूत काशी में बनारसी साड़ी को देख मुग्ध हो गईं।
कल वह शक्करतालाब स्थित एक साड़ी की फैक्ट्री में पहुंची। वहां से बगल में स्थित बुनकर नुरूलहक के घर पर हैंडलूम व पॉवरलूम से बन रही साडि़यों को गहरी नजर से देखा। पूछा कि एक साड़ी बनाने में कितने दिन लगते हैं? मजदूरी क्या मिलती है। हैंडलूम व पावरलूम से बनी साड़ी में क्या अंतर है? बच्चे पढ़ने जाते हैं या नहीं? साड़ी बुनाई की एक-एक तकनीक डिजाइन, कटिंग, मशीन, जकाड आदि के बारे में बुनकरों ने बताया।
उद्यमियों के साथ बैठक
इसके साथ ही अमेरिकी राजदूत ने बनारस के उद्यमियों के साथ बैठक कर औद्योगिक विकास की संभावनाएं तलाशीं। लहरतारा स्थित बनारस बीड्स में लगभग डेढ़ घंटे तक चली बैठक के दौरान उद्यमियों से बनारस समेत पूर्वांचल में औद्योगिक विकास की वर्तमान स्थिति एवं निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की।
जानकारों का कहना है कि भले ही ओबामा काशी आएं या नहीं आएं, पर अमेरिकी राजदूत तो बनारस को अपना दिल दे बैठीं।