उरी आतंकी हमले के दो मददगारों को पाकिस्तान वापस भेजने की तैयारी!
एक मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान के अधिकारी के हवाले से किया गया दावा उरी आतंकी हमले में हिरासत में लिए गए दो लोगों को वापस पाक भेजने की तैयारी है।
नई दिल्ली। 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर के उरी में स्थित इंडियन आर्मी के बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले करी जांच जारी है और इस जांच में अब एक नई बात सामने निकलकर आ रही है। यह नई बात भारत के लिए जहां बड़ा झटका है तो वहीं पाक के लिए एक 'डैमेज कंट्रोल' की तरह है।
आतंकियों के गाइड
इंग्लिश डेली इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में शामिल जिन दो लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन्होंने गाइड के तौर पर पाक से आए आतंकियों की मदद की थी।
इन दोनों लोगों का नाम उस लिस्ट में शामिल है, जो पाकिस्तान हाई कमीशन को सौंपी गई है। इस लिस्ट में उन लोगों के नाम हैं जिन्हें पाकिस्तान वापस भेजा जाना है।
ये लोग अमृतसर, नई दिल्ली और जयपुर की जेलों में बंद हैं। उरी हमले में मददगार जिन दो लोगों के नाम हैं उन्हें अमृतसर की जेल में रखा गया था।
पांच दिसंबर को अधिकारियों ने की मीटिंग
पांच दिसंबर को पाकिस्तान हाई कमीशन की एक टीम ने इन दो लोगों से भी मुलाकात की थी।
यह मुलाकात उस समय हुई थी जब पाक अधिकारी अमृतसर की जेल में बंद पाक कैदियों से मुलाकात कर रहे थे। सरकारी अधिकारियों की ओर से भी इस मीटिंग की पुष्टि की गई है।
कई पाक कैदियों को बेकसूर होने या निर्दोष होने की स्थिति में देश वापस भेज दिया जाता है। इन कैदियों को जांच के लिए जयपुर, दिल्ली और अमृतसर स्थित पाक हाई कमीशन में जांच के लिए लाया जाता है।
इन दो नामों का खुलासा उस समय हुआ जब पाक हाई कमीशन के अधिकारी तीन मीटिंगों में से एक मीटिंग को पूरा कर चुके थे।
अभी तक कोई अनुरोध नहीं
सरकार की ओर से कहा गया है कि इस्लामाबाद की ओर से अभी तक उरी आतंकी हमले के इन दोनों संदिग्धों को वापस भेजने के लिए कोई अनुरोध नहीं किया गया है।
पाक को भी मालूम है कि अगर वह ऐसा करता है तो उसे भारत का कड़ा विरोध झेलना पड़ सकता है। सरकार भी जानती है कि
कौन हैं ये दो लोग
जिन दो पाक कैदियों ने उरी आतंकी हमले में आतंकियों की मदद की थी उनमें से एक है पीओके के पोथा जनदागरनप का रहने वालो फैसल हुसैन अवान और उसका स्कूल फ्रेंड अहसान खुर्शीद जो कि मुजफ्फराबाद के खिलायाना गांव का रहने वाला है।
विदेश मंत्रालय ने इन दोनों को ही जैश-ए-मोहम्मद के उन चार आतंकियों का मददगार करार दिया था जिन्होंने उरी आतंकी हमले को अंजाम दिया था।
विदेश मंत्रालय ने दोनों की ओर से अपना गुनाह कुबूलने के बाद उन्हें आरोपी ठहराया था।
गृह मंत्रालय अनजान
पाक हाई कमीशन के प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि स्टाफ ने निश्चित तौर पर पांच दिसंबर को दो नाबालिग कैदियों से मुलाकात की है और इन्हें हो सकता है कि पाक वापस भेज दिया जाए।
वहीं गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि इस मामलें अब तक विदेश मंत्रालय की ओर से किसी भी तरह का औपचारिक संपर्क नहीं किया गया है।
जब तक कोई भी औपचारिक संपर्क नहीं किया जाता एनआईए इस मामले पर आगे नहीं बढ़ सकती है।
विदेश मंत्रालय को कोई जानकारी नहीं
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि उन्हें पांच दिसंबर को हुई ऐसी किसी भी मीटिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
पाक हाई कमीशन की ओर से भी अवान और खुर्शीद को पाक भेजने का कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया गया है।