मोदी ने 'मन की बात' में आखिर क्यों नहीं लिया उस बुजुर्ग महिला टीचर का नाम?
नयी
दिल्ली।
रविवार
को
पीएम
मोदी
ने
रेडियो
पर
अपने
'मन
की
बात'
कही।
यह
उनके
कार्यक्रम
का
23वां
संस्करण
था।
इसमें
पीएम
ने
कई
ऐसी
बातें
कहीं
जो
काफी
भावुक
कर
गईं।
उनमें
से
एक
था
84
वर्षीय
बुजुर्ग
और
पेंशनधारी
शिक्षिका
का
पीएम
मोदी
को
खत।
हालांकि मोदी ने 'मन की बात' में मां समान उस बुजुर्ग महिला का नाम नहीं लिया पर वो भावुक होकर ये जरूर कह गए कि मैं उनका नाम लेना चाहता था लेकिन...। तो आईए बताते हैं कि आखिर क्यों मोदी ने उस बुजुर्ग महिला का नाम नहीं लिया? लेकिन इससे पहले आपको ये बता दें कि उस महिला ने ऐसा क्या किया था?
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मोदी के अपील पर छोड़ दी थी गैस सब्सिडी , किया था दान
मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में बताया कि '' 84 साल की मां ने मुझे चिट्ठी लिखी और कहा कि आपने जब गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी, तो मैंने गैस सब्सिडी छोड़ दी। पीएम की तरफ से जब उन्हें धन्यवाद पत्र मिला तो उसके बाद महिला ने पीएम को दान के रूप में 50 हजार रुपए भेजे।
ऐसा उन्होंने इसलिए किया ताकि गरीब महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जा सके। डोनेशन के साथ ही महिला ने पीएम को खत लिखा था और कहा था कि 'आपकी तरफ से धन्यवाद पत्र मिलना किसी पद्मश्री से कम नहीं है।'
पीएम ने क्यों नहीं लिया नाम?
इस बुजुर्ग महिला ने मोदी को लिखे पत्र में आग्रह किया था कि वो उनके नाम का खुलासा ना करें। पीएम मोदी ने कहा कि मेरी इच्छा उस बुजुर्ग मां का नाम लेने की है लेकिन उन्हीं के आग्रह के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहे हैं।
मोदी ने कहा कि भले ही देश के लोगों ने उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया है, लेकिन वह भी इंसान हैं। इसी के चलते ऐसी घटनाओं से वह न सिर्फ भावुक होते हैं बल्कि उन्हें प्रेरणा भी मिलती है।